यूपी में ठंड दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इससे रामलला भी अछूते नहीं हैं। अयोध्या में रामलला को ठिठुरन से बचाने के लिए रजाई ओढ़ाई गई। साथ ही, ब्लोअर से गर्माहट दी जा रही है। इसके साथ ही उन्हें गरम कपड़े और शॉल भी पहनाए गए हैं। भगवान को ठंड न लगे, इसके लिए भोग और श्रृंगार की व्यवस्था में भी परिवर्तन किया गया है।
बच्चे की तरह भगवान की हो रही सेवा
रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि बालरूप श्रीराम समेत चारों भाइयों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाए गए है। उन्होंने कहा कि भगवान को बाल रूप में माना जाता है। इसलिए जैसे बच्चे की सेवा की जाती है। उसी तरह उनकी भी सेवा की जा रही है। अयोध्या के अन्य मंदिरों में भी भगवान को गरम कपड़े पहनाए जा रहे हैं। मंदिरों में भगवान के सामने अंगीठी और हीटर भी जलाए जा रहे हैं।
वहीं, श्रीरामवल्लभाकुंज में यहां राम विवाह के बाद कड़ाके की ठंड होने पर भगवान की विशेष सेवा शुरू होती है। अयोध्या एड वर्ड तीर्थ विवेचिनी सभा के अध्यक्ष स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि हमारे अभी गर्म शाल से ही सेवा हो रही है। राम विवाह के बाद घना कोहरा शुरू हो जाता है। तब अन्य व्यवस्थाएं की जाएंगी।
ठंड में भोग और श्रृंगार में बदलाव
ठंड के मौसम में भगवान के भोग और श्रृंगार में भी बदलाव किया गया है। भगवान को सरयू नदी के गरम जल से स्नान कराया जाता है। स्वेटर और शाल को स्नान के बाद पहनाया जाता है। भगवान के सामने गरम रखने के लिए अंगीठी जलाई रखी जाती है। भगवान के श्रृंगार में फूल की माला पहनाने की जगह सामने रखी जाती है। ठाकुर जी को माखन की जगह तिल का भोग लगाया जाता है। यह प्रक्रिया होली तक जारी रहेगी।
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