अयोध्या में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी के बाद अब निर्वाणी अखाड़ा के श्रीमहंत और हनुमानगढ़ी के महंत धर्मदास ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में संतों को शामिल किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि राम जन्मभूमि साधु समाज का है, जिस पर उसी का हक बना रहना चाहिए। श्रीमहंत धर्मदास ने यह मांग ऐसे समय पर की है, जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक चल रही है l
यह व्यापार इस तरह का है कि साधु-समाज को यहां से भागना पड़ जाय
निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास ने कहा कि अयोध्या में राम के नाम पर व्यापार हो रहा है। यह व्यापार इस तरह का है कि साधु समाज को यहां से भागना पड़ जाए। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लोगों ने ऐसा जाल बिछा लिया है। मंदिर के लिए जमीनें खरीदी-बेची जा रही हैं। संतों का अयोध्या में रहन कठिन होता जा रहा हैl जमीन घोटाले के बाद से इस तरह की बदनामी हो रही है कि मुंह दिखाना मुश्किल हो गया है।
तीनों अखाड़ा की बैठक जल्द
राम जन्मभूमि परिसर के विस्तार को लेकर खरीदी गई भूमि को लेकर लगे घोटाले के आरोपों पर श्रीमहंत धर्मदास ने तीनों आखाड़ों (निर्वाणी, निर्मोही, दिगंबर) की बैठक जल्दी करने की बात कही है । उन्होंने यह भी कहा कि ट्रस्ट के जमीन घोटाले के विरोध में वो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से इस मामले में हस्तक्षेप कर जांच कराने की मांग की है।
श्रीमहंत धर्मदास ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर रामलला के नाम पर व्यापार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के व्यापार का पर्दाफाश होना जरूरी है। रघुवंश संकल्प सेवा संस्थान के अध्यक्ष महंत दिलीप दास त्यागी ने भी श्रीमहंत धर्मदास की बातों का समर्थन कर जमीन घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है l
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