प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जन नायक कर्पूरी ठाकुर को उनके जयंती के अवसर पर कांग्रेस जनों ने कांग्रेस कार्यालय कमला नेहरू भवन पर श्रद्धांजलि दी तथा उनके योगदान को याद किया।जिला प्रवक्ता सुनील कृष्ण गौतम ने कहा कि उन्होंने बिहार में पहली बार आरक्षण लागू किया तथा बिहार में अंग्रेजी की अनिवार्यता को समाप्त कियाl बिहार के सभी सरकारी विभागों में हिंदी में कार्य करने को अनिवार्य कर दिया।
उनके पास संपत्ति के नाम पर मकान तक नहीं था-सुनील कृष्ण गौतम
उन्होंने कहा कि अति पिछड़े वर्ग से संबंध रखने वाले कर्पूरी ठाकुर 1952 में पहली बार विधायक बने और उसके बाद सदा राजनीति में जीवन पर्यंत अपराजित रहे। उन्होंने दो बार बिहार के मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार संभाले। राजनीति के उच्च पदों पर रहने के बावजूद उनके पास संपत्ति के नाम पर मकान तक नहीं था।
आचरण के ऊंचे मानदंड स्थापित किए थे- अखिलेश यादव
इस अवसर पर कांग्रेस कार्यालय कमला नेहरू भवन पर हुई गोष्ठी की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा संचालन महानगर अध्यक्ष वेद सिंह कमल ने किया।अध्यक्षता कर रहे जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा जन नायक कर्पूरी ठाकुर बिहार के अत्यंत गरीब परिवार से संबंध रखते थे उनके पिता सीमांत किसान थे तथा वह नाई का काम करते थे।
जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनका नाम उन महान समाजवादी नेताओं की पांति में आता है जिन्होंने निजी और सार्वजनिक जीवन, दोनों में आचरण के ऊंचे मानदंड स्थापित किए थे।
गैर लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स को बंद कर दिया- वेद सिंह कमल
संचालन कर रहे महानगर अध्यक्ष वेद सिंह कमल ने कहा 1971 में मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों को बड़ी राहत देते हुए उन्होंने गैर लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स को बंद कर दिया। बिहार के तब के मुख्यमंत्री सचिवालय की इमारत की लिफ्ट चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए उपलब्ध नहीं थी, मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने चर्तुथ वर्गीय कर्मचारी लिफ्ट का इस्तेमाल कर पाएं,ये सुनिश्चित किया।
उक्त अवसर पर प्रमुख रूप से प्रवीण श्रीवास्तव,उमेश उपाध्याय,उदय प्रताप सिंह,दिनेश यादव,प्रमिला राजपूत,डीएन वर्मा ,मनीष सिंह ,रोहित यादव,जगजीवन यादव ,राजाराम यादव आदि उपस्थित
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