अयोध्या में बुधवार को इंस्पेक्टर ओंकार नाथ का शव कमरे में फंदे से लटकता मिला। मकान मालिक की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस की सूचना पर घरवाले भी मौके पर पहुंचे। पत्नी रोते हुए कह रही थी, ''आप ऐसा नहीं कर सकते हैं।''
आखिर इतनी बड़ी घटना की वजह क्या है? यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। परिवार के लोग भी इस बारे में कुछ नहीं बता पा रहा है। पुलिस भी वजह का पता लगाने में उलझी हुई है।
संतकबीर नगर के रहने वाले थे इंस्पेक्टर
इंस्पेक्टर ओंकार नाथ (46) पूरा कलंदर थाने में तैनात थे। देर रात सिटी कोतवाली में उनका ट्रांसफर कर दिया गया था। आज ही उनको अपना कार्यभार ग्रहण करना था। ओंकार नाथ संत कबीर नगर के रहने वाले थे। थाने के सामने ही मैनुद्दीन पुर गांव है। वहां पर किराए का कमरा लेकर अकेले रहते थे। परिवार संतकबीर नगर में रहता है।
मकान मालिक अर्जुन सिंह ने बताया, "वह आज सुबह 6 बजे मॉर्निंग वॉक करके कमरे पर पहुंचे थे। अंदर से कमरा बंद कर लिया। जब आवाज दिया, तो कोई आवाज नहीं आई। काफी देर तक दरवाजा खटखटाता रहा। इसके बाद भी दरवाजा नहीं खुला, पुलिस को सूचना दी।"
सूचना पर SSP प्रशांत वर्मा, SP सिटी मधुबन सिंह समेत कई अधिकारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए। घर वालों को सूचना दे दी गई है। इसके बाद पत्नी और परिवार के लोग पहुंचे।
पत्नी ने जताई हत्या की आशंका
इंस्पेक्टर ओंकार की पत्नी का रो-रोकर बार-बार बेहोश हो जा रही थी। रोते हुए वह बार-बार यह कह रही है, ''तुम जब बुलाते थे या बीमार होते थे, तो तुरंत आ जाती थी। तुम सुसाइड नहीं कर सकते हो। आखिर तुम्हारा प्राण किसने ले लिया l'' बेटे विजय कुमार ने बताया, "हमारे पिता बीमार चल रहे थे। गोरखपुर में उनका इलाज चल रहा था।"
सुसाइड नोट नहीं मिला
SSP प्रशांत वर्मा ने बताया, "कमरे के अंदर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। ओंकार नाथ का स्वास्थ्य कुछ खराब चल रहा था। मौत की वजह क्या है? अभी इसकी जानकारी नहीं है। जांच की जा रही है।"
2007 में हुए थे भर्ती
पुलिस के अनुसार, ओंकार नाथ 2007 में पुलिस में भर्ती हुए थे। वह रायबरेली में सब इंस्पेक्टर थे। इसी साल जुलाई में उनका प्रमोशन से इंस्पेक्टर बने थे। इसके बाद 23 जुलाई, 2022 को ट्रांसफर होकर अयोध्या के पूरा कलंदर थाने में गए थे।
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