आजमगढ़ लोकसभा सीट पर 23 जून को उपचुनाव होना है। आजमगढ़ के प्रभारी और प्रदेश सरकार के खेलकूद मंत्री गिरीश यादव भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ के लिए प्रचार कर रहे हैं। सुबह से लेकर रात तक बैठकें कर रहे हैं।
उपचुनाव को लेकर उनका कहना है कि आजमगढ़ की जनता को विकास के साथ जुड़ने का मौका मिला है। जनता भाजपा प्रत्याशी को जिताने जा रही है। भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव भले ही 2019 के लोकसभा चुनाव में हार गए थे। लेकिन, पब्लिक के बीच वो सक्रिय रहे। अब इसका फायदा मिल रहा है।
प्रभारी मंत्री का कहना है कि जिले की जनता सैफई परिवार को कई बार देख चुकी है और निराशा ही हाथ लगी है। ऐसे में इस बार जनता भाजपा की तरफ आशा भरी नजरों से देख रही है।
इस दौरान लोकसभा उपचुनाव के प्रभारी मंत्री गिरीश यादव ने दैनिक भास्कर से कई मुद्दों पर बातचीत की। पढ़िए उन्होंने क्या-क्या कहा...
सवाल : समाजवादी पार्टी से कितनी चुनौती मानते हैं?
जवाब: आजमगढ़ में कोई चुनौती नहीं है। जनता परिवर्तन चाहती है। सैफई परिवार को कई बार देख चुकी है। एक सांसद के रूप में अखिलेश न विकास कार्य किए और न ही दुख-सुख में शामिल हुए। तीन साल से सांसद हैं यहां पर विकास का भी कोई काम नहीं किया। इसके साथ ही जिले की समस्याओं को सदन में भी नहीं उठाया। हमारे सामने कोई चुनौती नहीं है।
सवाल: जातीय समीकरण और सपा से चुनाव में कैसे निपटेंगे?
जवाब: जो समीकरण आजमगढ़ का है वहीं समीकरण कन्नौज और बदायूं का भी है। 2019 में बुआ और बबुआ के गठबंधन के बाद जनता ने बदायूं में धर्मेन्द्र यादव को नकार दिया, डिंपल यादव भी चुनाव हार गईं। इस बार जनता भाजपा के साथ है। जनता विकास चाहती है। केन्द्र और प्रदेश में भाजपा सरकार है, ऐसे में यहां की जनता भाजपा से जुड़ना चाहती है।
सवाल: सपा नेता कहते हैं कि इटावा दिल है तो आजमगढ़ धड़कन?
जवाब: धर्मेन्द्र यादव पहले यह भी कहते थे कि बदायूं कन्नौज, फिरोजाबाद, मैनपुरी सभी जिले धड़कन हैं। 2022 का विधानसभा चुनाव देख लीजिए कि कितनी धड़कन बची है। आजमगढ़ में परिवर्तन की शुरूआत होने जा रही है और धर्मेन्द्र यादव की धड़कन खत्म होने जा रही है।
सवाल: माइनॉरिटी वोट को कितना चुनौती मानते हैं?
जवाब: चुनाव में चाहे कितनी भी गणित और गुणा भाग करे। जनता सपा और बसपा को नहीं चाहती है। विधानसभा चुनाव में बसपा एक सीट जीती। जनता इनको समझ चुकी है। यह लोग वोट लेने वाले हैं। इस जिले ने दो-दो मुख्यमंत्री और सपा के दो सांसद देने का काम किया पर जिले को क्या मिला। यह लोग कितनी बार जनता का हाल जानने आए। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं जो महीने में एक बार अपने क्षेत्र का हाल जानने आते रहते हैं। इन लोगों को जनता से लगाव है। जाति-धर्म मजहब के नाम पर वोट लेने वाले लोगों को इटावा, मैनपुरी, सैफई की जनता नकार चुकी है। 2022 के चुनाव में जनता यहां भी नकार देगी।
सवाल: सपा लगातार निरहुआ को लेकर विवादित टिप्पणी कर रही, इस पर क्या कहेंगे ?
जवाब: लोक कलाकारों का सम्मान होना चाहिए। निरहुआ ने अपने परिश्रम से अपनी पहचान बनाई है। कलाकार का अपमान नहीं होना चाहिए। हम लोग जनता के बीच जा रहे हैं। इस बार के चुनाव में जाति, धर्म की सीमाएं टूट गई हैं। योगी-मोदी पर जनता को विश्वास है। इस उपचुनाव में यहां से परिवर्तन दिखाई देगा।
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