आजमगढ़ मंडल में लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध को रोकने के लिए साइबर पाठशाला लगाई गई। इस साइबर पाठशाला में आजमगढ़ मंडल के डीआईजी अखिलेश कुमार और जिले के एसपी अनुराग आर्य ने आजमगढ़, मऊ और बलिया के पुलिस कर्मियों को साइबर अपराध से निपटने के टिप्स दिए। जिससे घटनाओं का खुलासा करने में मदद मिल सके। जिले के पुलिस लाइन में आयोजित इस कार्यशाला में तीनों जिलों के पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया।
इन बिंदुओ पर दिया गया प्रशिक्षण
आजमगढ़ मंडल के डीआईजी अखिलेश कुमार और एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि कैसे साइबर पीड़ित और साइबर अपराधी के प्रोफाइल के बारे में पता करना है। इसके साथ साइबर अपराध कितने प्रकार का होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है। बैंक स्टेटमेन्ट, सीडीआर और सर्विलांस का इस्तेमाल कैसे करना है।
इसके साथ ही इन्फारमेशन गैदरिंग टूल ( Truecaller, who.is, etc) और फर्जी वेबसाइट पर हुई जालसाजी में विवेचना के, आईटी एक्ट की धाराओं के संबंध में, आईटी एक्ट के धाराओं के सम्बन्ध में,वित्तीय अपराधों में कौन-कौन से टूल का प्रयोग कर विवेचना के सम्बन्ध में, साइट्रेन की ट्रेनिंग www.cytrain.ncrb.gov.in- भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट जिसमें समस्त अधिकारी, कर्मचारी गण ऑनलाइन 24 घंटे में कभी भी लॉगिन करके प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
दो पोर्टल www.cybercrime.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने तथा www.cybersafe.gov.in फ्रॉड का मोबाइल नम्बर और बैंक एकांउन्ट को ब्लॉक करने के अतिरिक्त साइबर शिकायतों का त्वरित कार्यवाही करने के सम्बन्ध ट्रेनिंग दी गई। फस्ट रिस्पॉन्सर के रूप में त्वरित साइबर क्राइम हेल्प लाइन नम्बर 1930 पर कॉल कर शिकायत रजिस्टर करना, तत्काल शिकायत रजिस्टर होने के उपरान्त फ्रॉड के पैसे रिफण्ड कराए जाएंगे।
इसके साथ ही प्रत्येक महीने के पहले बुधवार को साइबर हेल्प डेस्क टीम द्वारा स्कूल, कॉलेज, ग्राम पंचायत आदि स्थानों पर साइबर अपराध एवं बचाव हेतु जागरूक किया जाता है। इस बारे में जानकारी दी गई।
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