आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव को भाजपा प्रत्याशी भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव ने 8,679 मतों से चुनाव हरा दिया। अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई इस सीट से लड़ने के लिए धर्मेन्द्र यादव आए थे। धर्मेन्द्र यादव जिले की जनता से जज्बाती रिश्ता जोड़ने की भी कोशिश की। अपनी सभाओं में धर्मेन्द्र यादव लगातार इस बात का जिक्र करते रहे कि इटावा दिल है तो आजमगढ़ धड़कन पर जिले की जनता ने इस बार निरहुआ पर भरोसा जताया है। चुनाव में हार का ठीकरा बसपा पर फोड़ते हुए सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव का कहना है कि सपा की हार का कारण भाजपा का बसपा से गठबंधन है, और यह बात मैं आज ही नहीं कह रहा हूं जबसे चुनाव लड़ने आया था तभी से कह रहा हूं। आजमगढ़ के इस उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ को 312768 मत, सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव को 304088 मत, जबकि बसपा प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को 266210 वोट मिले। भाजपा प्रत्याशी निरहुआ ने 8679 मतों से जीत दर्ज की है।
सपा चुनाव हार सकती है हिम्मत नहीं
सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव का कहना है कि समाजवादी पार्टी चुनाव हार सकती है हिम्मत नहीं। धर्मेन्द्र यादव का कहना है कि चुनाव में हार-जीत तो लगी रहती है। धर्मेन्द्र यादव का कहना है कि बसपा और भाजपा के गठबंधन का मुख्य मकसद जिले में सपा को रोकना था। हमारे हिम्मती कार्यकर्ताओं में हिम्मत कूट-कूट कर भरी हुई है।
अखिलेश यादव ने बहुत कुछ किया
आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के प्रचार में न आने का कारण बताते हुए धर्मेन्द्र यादव का कहना है कि अखिलेश यादव ने जो कर सकते हैं बहुत कुछ किया। बहुत सारी बातें मीडिया में नहीं कही जाती है। ऐसे में अखिलेश यादव से लगातार मदद मिलती रही है।
गुड्डू जमाली कोई चीज नहीं
सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव ने बसपा प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली पर निशाना साधते हुए कहा कि गुड्डू जमाली कोई चीज नहीं है। न तो उन्हें मैं कल मानता था और न ही आज मानता हूं। यह बसपा और भाजपा का गुप्त समझौता राष्ट्रपति के चुनाव में ओपेन हो चुका है।
नहीं काम आई घेराबंदी
सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव को जिताने के लिए पार्टी ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। जिले में माइनारिटी वोटों को सहेजने के लिए महाराष्ट्र सपा प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने लगभग पांच दिनों तक जिले में डेरा डाले रखा। इसके साथ ही अफजाल अंसारी, मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी, आजम खान को भी चुनाव प्रचार के लिए बुलाया गया था।
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