आजमगढ़ जिले के दौरे पर आई बाल आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा। आयोग की सदस्य ने कहा कि आजमगढ़ जिले में विकास कार्य में काफी कमी है। केन्द्र व प्रदेश में भले ही हमारी सरकार है इसके बाद भी हम यह बातें कह रहे हैं। आयोग की सदस्या का कहना है कि यहा के विधायक और एमपी यहां पर ध्यान नहीं देते हैं। मैंने कई ऐसे विधायक देखे हैं जो आधा खुद रख लेते हैं आधा स्कूल को दे देते हैं, विकास कार्य में एक भी पैसा नहीं लगाते हैं। आयोग की सदस्य ने जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें दिशा-निर्देश भी दिया है।
ह्यूमन ट्रैफिकिंग रोकने के लिए चलेगा अभियान
आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल से जब ह्यमून ट्रैफिकिंग रोकने से संबंधित सवाल हुआ तो ट्रैफिक पर जवाब देने लगी। हालांकि अपनी गलती का एहसास होते ही बोली की एक युद्ध नशे के विरूद्ध अभियान चलाया जाएगा। इसके संदर्भ में अधिकारियों के साथ मीटिंग भी चल रही है। जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों व कॉलेजों के आस-पास नशे की दुकानें व पान की दुकानें न हों, जिससे नशे पर रोक लगाया जा सके। सदस्य अनीता अग्रवाल ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हम लोगों को बच्चों को भिक्षा नहीं देनी चाहिए। इसके साथ ही हमारी टीम बच्चों को रेस्क्यू कर आवास के साथ-साथ उन्हें रोजगार से भी जोड़ते हैं। इसके साथ ही इन बच्चों के परिजनों को बताते हैं कि यह सब काम इन बच्चों से न कराएं।
कई जगह मिली खामियां
जिले के दौरे पर आई बाल आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल को कई जगह खामियां मिली हैं। कस्तूरबा विद्यालय में 38 बच्चियां रजिस्टर्ड हैं, जबकि निरीक्षण में मात्र 23 बच्चियां ही मिली हैं। इसके साथ प्राइमरी के कई स्कूलों में बच्चे बिना ड्रेस के मिले। कुछ स्कूलों में गंदगी भी पाई गई। ऐसे में सभी को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
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