आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में रविवार को पहली बार सीएम योगी प्रचार के लिए पहुंचे। योगी ने यहां 2 रैलियां की। योगी ने कहा कि- आजमगढ़ को समाजवादी सरकार ने आतंकगढ़ बना दिया था। अब आपके पास आर्यमगढ़ बनाने की प्रक्रिया के साथ जुड़ने का अवसर आया है। चूकिएगा मत!' योगी ने कहा कि धोखा देना समाजवादियों की पुरानी आदत है। बता दें, आजमगढ़ में निरहुआ भाजपा प्रत्याशी हैं। मुकाबला बसपा के गुड्डू जमाली और सपा के धर्मेन्द्र यादव से है।
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हम विकास, वो वंशवाद की बात करते हैं
योगी ने कहा कि आजमगढ़ को आतंकगढ़ बनने से बचा लीजिए। इस बार निरहुआ को सांसद बना दीजिए। योगी ने कहा कि ये भाजपा की सरकार है। हम विकास की बात करते हैं, वो वंशवाद की बात करते हैं। उनके एजेंडे में खुद का विकास है। इन पार्टियों के नेता विकास के बाधक थे। हमने बाधाएं दूर की। वो अखिलेश ही थे, जिन्होंने कोविड टीका को मोदी का टीका बोला था। उन्हें जनता की फिक्र नहीं है।
अग्निपथ योजना की दुनिया में तारीफ, ये राजनीति कर रहे
उन्होंने कहा- मस्जिद से माइक उतरे कि नहीं... अब तो शोर नहीं है न। ये लोग उत्तर प्रदेश के राहू-केतु हैं। इनसे जितना दूर रहेंगे, उतना ही विकास हो सकेगा। नौजवानों के जीवन से ये लोग खिलवाड़ कर रहे हैं। डेढ़ वर्ष के अंदर 5 लाख युवाओं को नौकरी मिलेगी। अग्निपथ योजना की दुनिया में तारीफ हो रही है। यूपी में राजनीति हो रही है।
सपा-बसपा सरकार में नौकरी के लिए होती थी वसूली
21 वर्ष का ये नौजवान जब यूनिफार्म पहनकर घर आएगा तो घर वाले उस पर गर्व महसूस करेंगे। हमने निजी क्षेत्र के जरिए युवाओं को नौकरी दिलाई हैं। सपा-बसपा के समय नौजवानों से वसूली होती थी। सरकारी नौकरी के नाम पर धोखा होता था। हाथी का पेट भरता ही नहीं है। वो गरीबों का राशन भी खाता था।
सैफई खानदान से भगवान बचाए
सैफई खानदान से भगवान बचाए। बहू बेटियों के साथ क्या करते थे, ये सब जानते हैं। इसलिए हम आपके पास आए हैं, हमने आपके बीच से एक कलाकार को उम्मीदवार बनाया है। उसको हाथों-हाथ लेना चाहिए। योगी ने कहा कि- आप में से बहुत से लड़कों को फिल्मों में जाना होता है। हम नौजवानों के लिए अवसर लेकर आ रहे हैं। यूपी के अंदर सबसे अच्छी फिल्म सिटी बना रहे हैं।
आजमगढ़ ने संकट के समय अखिलेश का साथ दिया, क्या उन्होंने आपको दिया
आजमगढ़ में बहुत जल्द हवाई सेवा दे रहे हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे दिया है। साथ में, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस बना रहे हैं। ये काम पहले भी हो सकते थे। लेकिन, जिन्हें आपने सीएम बनाया। वो अपने परिवार का विकास करने लगे। आजमगढ़ ने अखिलेश का संकट के समय साथ दिया। लेकिन, क्या कोविड के संकट में सांसद आपसे मिलने आए।
मैं 3 बार आपसे मिलने आया था। जब देश संकट में था। तब अखिलेश सहयोग नहीं, गुमराह कर रहे थे। पहले गरीबों को राशन नहीं मिलता था। सपा के लोग गरीबों का राशन खा लेते थे। प्रदेश की जनता ने 4 बार सपा और 3 बार बसपा को मौका दिया। लेकिन, इन लोगों ने आपको धोखा ही दिया। जहरीली शराब मामले में सपा नेता का नाम सामने आया। जिंदगी से खिलवाड़ करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
रवि को गोरखपुर तो निरहुआ को यहां लाए
कलाकार का सम्मान होना चाहिए। भोजपुरी कलाकार रवि किशन को गोरखपुर तो निरहुआ को यहां लाए हैं। विकास मेरे ऊपर छोड़ दीजिए, आप निरहुआ को जिताइए। आज से 4 दिन का समय है। आप 25-25 घर जाइए। मेरा संदेश पहुंचाइए। पहले मतदान फिर जलपान का संकल्प दिलाइए।
अब आजमगढ़ सीट की सियासत भी समझिए
सीएम की जनसभा के बाद ये भी समझिए कि आजमगढ़ में होने वाला लोकसभा उपचुनाव महज एक सीट का चुनाव नहीं है। इसके नतीजे उत्तर-प्रदेश की सियासत में बदलाव के बड़े संकेत दे सकते हैं। शायद यही बड़ी वजह है कि भाजपा ने इस सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। आजमगढ़ के मैदान में सपा से धर्मेंद्र यादव, भाजपा से दिनेश लाल यादव निरहुआ और बसपा से गुड्डू जमाली चुनावी अखाड़े में हैं। उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव नए हैं। लेकिन दिनेश लाल यादव निरहुआ और गुड्डू जमाली पुराने चेहरे हैं।
अखिलेश 60.4% वोट के साथ जीते थे
2019 के लोकसभा चुनाव में दिनेश लाल यादव निरहुआ को 3,61,704 वोट और 2014 के चुनाव में गुड्डू जमाली को 2,66,528 वोट पाकर चुनाव हार चुके हैं। जबकि, अखिलेश यादव को 60.4% वोटों के साथ जीत मिली थी। वहीं, अगर 2022 के विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ की सभी 10 विधानसभा सीटों की बात करें तो सपा के ही प्रत्याशी जीते थे। लेकिन, अहम ये रहा था कि सभी सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी नंबर 2 पर रहे थे। इसलिए भाजपा लोकसभा उप चुनाव के जरिए, लोकसभा चुनाव 2024 का टारगेट सेट कर रही है। इसलिए, भाजपा ने दिग्गजों की फौज को यहां उप चुनाव के लिए मैदान में उतारा है। अब खुद सीएम योगी भी लोगों के बीच मौजूद रहने वाले हैं।
आजमगढ़ में 45% वोटर मुस्लिम और यादव
आजमगढ़ का चुनावी इतिहास सपा की सफलता की कहानी बयां करता है। आजमगढ़ में करीब 19 लाख मतदाता हैं, जिसमें करीब 45% वोटर मुस्लिम और यादव जाति से हैं। इसके अलावा, करीब 30% दलित हैं। जबकि 25% अपर कास्ट के वोटर हैं। समाजवादी पार्टी इसी 'MY' यानी मुस्लिम-यादव समीकरण के दम पर यहां जीत हासिल करती रही है।
पिछले 4 लोकसभा चुनावों के नतीजे देखें तो 2014 और 2019 में मोदी लहर में भी यहां सपा की जीत हुई। 2022 के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ की लहर थी, लेकिन आजमगढ़ में सभी 10 विधायक सपा के हैं। हालांकि, 2009 में बीजेपी और 2004 में बसपा ने जीत हासिल की।
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