मऊ में एक फर्जी डॉक्टर मास्क लगाकर बच्चे का इलाज कर रहा था। तभी उसकी मां को डॉक्टर पर शक हुआ। पता करने पर मालूम चला कि वह मोहल्ले में रहने वाला एक ठग हैं। महिला ने जब मास्क उतारने को कहा तो वह स्टाफ सहित क्लीनिक बंद करके भाग निकला। बाद में मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। मौके पर स्थानीय लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पहले डॉक्टर ने किया था बीएचयू रेफर
महिला ने बताया कि वह अपने बेटे का महीनों से इलाज एक दूसरे डॉक्टर से करवा रही थी। जिसने बच्चे को बीएचयू के गैस्ट्रो के डॉक्टर को दिखाने के लिए रेफर कर दिया। तभी महिला ने मोहल्ले में डॉ विवेक का गैस्ट्रो का क्लीनिक देखा। तो वह वहां इलाज करवाने उस क्लीनिक में चली गई।
मोहल्ले का रहने वाला है आरोपी युवक
वहां एक आदमी चेहरे पर मास्क लगाकर इलाज करने लगा। महिला को उसे देखकर शक हुआ कि यह तो मोहल्ले का रहने वाला सोनू है। तो उसने अपने रिश्तेदार को फोन करके उसके बारे में पूछा कि क्या सोनू डॉक्टर बन गया। तो पता चला कि नहीं वह तो एक ठग है। इसके बाद महिला ने आरोपी को सोनू कहकर संबोधित किया। जिससे वह पकड़ा गया। बाद में सोनू वहां से फरार हो गया।
6 महीने पहले खोला गया था दवाखाना
दरअसल, 6 महीने पहले उग्रसेन कुमार ने दिव्यांश मेडिकल स्टोर के नाम से एक दवाखाना खोला। जहां सोनू हेल्पर की नौकरी करता था। इसके बाद इन लोगों ने दुकान के ऊपर एक क्लीनिक खोला। जहां पर सोनू डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज करने लग गया। उसकी परामर्श फीस 500 रूपए थी। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
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