यूपी में लोकसभा उप-चुनाव के तहत रामपुर और आजमगढ़ में वोटिंग खत्म हो गई। सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे के बीच सबसे ज्यादा आजमगढ़ में 48.58% वोटिंग हुई है। रामपुर में 41.01% वोट डाले गए हैं। हालांकि, अभी इसमें बदलाव भी संभव है। अब 26 जून को मतों की गणना होगी।
आजमगढ़ में 13 तो रामपुर में 6 उम्मीदवार मैदान में थे। दोनों जगहों पर करीब 35 लाख वोटर थे। आजमगढ़ से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रामपुर में आजम खान के इस्तीफे के बाद यह दोनों सीटें खाली हुईं थीं। रामपुर में आजम खान ने पुलिस-प्रशासन लोगों को पोलिंग बूथ तक नहीं पहुंचने देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ''लोगों को डंडे से पीटा गया है।''
हिजाब वाली महिला बोली- ससुर ने वोट डालने भेजा था
रामपुर के बिलासपुर में हिजाब पहनकर फर्जी वोट डालने आई महिला को पुलिस ने पकड़ा है। वह पोलिंग बूथ के अंदर तक पहुंच गई थी। अधिकारियों ने जब उसका आधार कार्ड देखा तो उसकी फोटो मैच नहीं हुई। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
पुलिस पूछताछ में महिला ने अपना नाम कौसर बताया है। उसने बताया कि उसका वोट नहीं है। इसलिए वह अपनी जेठानी का वोट डालने आई थी। उसके सास-ससुर ने उससे वोट डालने के लिए कहा था। पुलिस उसे अपने साथ ले गई।
वोटिंग खत्म होने के बाद आजमगढ़ में भाजपा के प्रत्याशी और भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ से दैनिक भास्कर से बात की। पढ़िए 4 सवालों के जवाब...
1. सवाल: चुनाव में किससे चुनौती मिली है?
चुनौती किसी से नहीं है। आजमगढ़ की जनता ने तय कर लिया है। भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने के लिए। आजमगढ़ में पहली बार ऐसा हुआ है कि लोग जाति-धर्म से ऊपर उठकर विकास के नाम पर वोट डाला है।
2. सवाल: 2014, 2019 में विपरीत हवा ही बही?
जब भी विपरीत हवा बही है, आजमगढ़ पीछे ही गया है। उनका एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण हमारे एमवाई समीकरण के साथ आ चुका है।
3. सवाल: सपा निर्वाचन आयोग गई कि गड़बड़ी हो सकती है?
आप खुद देख रहे हैं। कितना शांतिपूर्ण तरीके से वोटिंग हो रही है। उनकी रोने की आदत पुरानी है। पिछले चुनाव में उन्होंने बोला था कि जो भी रिजल्ट आएगा, मैं नहीं मानूंगा। लेकिन, फिर वही जीत गए, तो कुछ नहीं बोले।
4. सवाल : अखिलेश ने आजमगढ़-रामपुर में प्रचार नहीं किया, क्या समझते हैं?
उन्होंने वॉक ओवर दिया है। उनके छोड़ने का भी कारण है। उनका मालूम है कि वो कुछ नहीं कर पाएंगे। यही बात मैं जनता से कहता था कि ये प्रधानमंत्री को रोकने आए हैं। ये प्रधानमंत्री बनने के लिए नहीं आए है। अब जनता को समझ में आया। इसलिए जनता ने कमल खिलाया है।
हंगामा करते हुए लोगों ने वोटिंग के बहिष्कार के नारे लगाए
रामपुर की बिलासपुर तहसील के पोलिंग स्टेशन राजकीय इंटर कॉलेज की बूथ संख्या 30 पर हंगामा हुआ था। आरोप था कि एक दारोगा ने वोट डालने आए बुजुर्ग हरेंद्र विश्वास से अभद्रता की और उसे डंडा मारा था। इसके बाद बुजुर्ग बिना वोट डाले बूथ के बाहर आ गए। गांव के लोगों ने भी मतदान का बहिष्कार करने के नारे लगाने शुरू कर दिए। कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख वहां पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाकर शांत कराया और बुजुर्ग से वोट भी डलवाया था।
एक नजर आंकड़ों पर
रामपुर | आजमगढ़ | कुल | |
मतदाता | 17,06,590 | 18,38,930 | 35,45,520 |
पुरुष | 9,07,093 | 9,70,935 | 18,78,028 |
महिला | 7,99,306 | 8,67,968 | 16,67,274 |
थर्ड जेंडर | 191 | 27 | 218 |
पोलिंग स्टेशन | 2,058 | 2,176 | 4,234 |
पोलिंग सेंटर | 1,123 | 1,149 | 2,272 |
आजमगढ़ में त्रिकोणीय मुकाबला
आजमगढ़ में मुकाबला त्रिकोणीय था। यहां सपा ने धर्मेंद्र यादव, भाजपा ने भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ को प्रत्याशी बनाया हैं। बसपा ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को मैदान में उतारा था। रामपुर में लड़ाई सपा और भाजपा के बीच थी। सपा ने आजम खान के करीबी असीम राजा पर दांव लगाया। भाजपा से घनश्याम लोधी मैदान में थे, जो आजम खान के करीबी रहे हैं। वह 2022 के विधानसभा चुनाव से 2 महीने पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। बसपा रामपुर में चुनाव नहीं लड़ रही थी।
आजमगढ़ में हार के बाद दोबारा मैदान में हैं निरहुआ
2019 में हुए लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ को ढाई लाख से अधिक वोट से हराया था। अखिलेश को 6 लाख 21 हजार वोट मिले थे। निरहुआ 3 लाख 61 हजार वोट ही हासिल कर पाए थे। मगर, इस बार लड़ाई में बसपा भी है और लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। लिहाजा, पूरा फोकस जातीय वोट समीकरण पर अटका है।
आजमगढ़ लोकसभा सीट में मेंहनगर, आजमगढ़ सदर, मुबारकपुर, सगड़ी और गोपालपुर विधानसभा सीटें आती हैं। मेंहनगर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां एक लाख से ज्यादा दलित वोटर हैं।
इसके अलावा 70 हजार से ज्यादा यादव वोटर भी हैं। राजभर और चौहान मतदाताओं की संख्या भी 35 हजार से अधिक है। इस सीट पर मुस्लिम वोटरों की संख्या भी 20 हजार से ज्यादा है। आजमगढ़ सदर सीट पर सबसे ज्यादा 75 हजार से अधिक यादव वोटर हैं। दलित और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी 60 हजार के करीब है।
रामपुर लोकसभा सीट सपा के लिए है महत्वपूर्ण
रामपुर लोकसभा सीट में 5 विधानसभा सीटें आती हैं। यहां की दो विधानसभा सीटों पर भाजपा का, जबकि तीन पर सपा का कब्जा है। यहां की तीन विधानसभा सीटों पर जीत-हार का अंतर 50% से ज्यादा मुस्लिम मतदाता तय करते हैं।
इसके अलावा लोध जाति के मतदाताओं का भी इलाके में खासा वर्चस्व है। सभी विधानसभा सीटों की अगर बात करें, तो पिछले चुनाव में सपा को 5 लाख 40 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। भाजपा को सभी विधानसभा इलाकों में साढ़े 4 लाख वोट ही मिले थे। इस लोकसभा सीट के कुल वोटरों की संख्या करीब 16 लाख है।
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