फूलपुर ( आजमगढ़ )। आजमगढ़ जिले के फूलपुर इलाके का लाल सोना (भरुआ मिर्च) की आवक मंडी में अधिक मात्रा मे आना शुरू हो गया है। हालांकि अभी इसकी कीमत में तेजी देखने को नही मिल रहा है। इस बार अच्छी फसल होने से किसान काफी खुश हैं। फूलपुर तहसील क्षेत्र लाल सोना (लाल भरुआ मिर्चा ) का व्यापार पूरे देश में होता है। यहां इलाका लाल मिर्च का गढ़ माना जाता है।
फूलपुर तहसील क्षेत्र में किसान लाल भरुआ मिर्च की खेती प्रमुखता से करते हैं। यह किसानों के आमदनी का मुख्य स्रोत है। फूलपुर मंडी में लाल मिर्च की आवक 14 जनवरी से शुरू हो जाती है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल मौसम के अनुकूल होने के कारण लाल मिर्च की पैदावार अधिक है । इलाके मे पहले किसान गन्ना की खेती प्रमुखता से करते थे, लेकिन अब किसान लाल सोना की खेती व्यावसायिक खेती के रूप में प्रमुखता से कर रहे हैं। यही वजह है कि क्षेत्र में लाल मिर्च की खेती का दायरा बढ़ता जा रहा है।
क्षेत्र के मेजवां, बक्शपुर, मुंडियार, मुंडवर, चमावां, दुलारपुर, सुदनीपुर, जगदीशपुर, नियाउज, पूरब पट्टी, पश्चिम पट्टी, दुर्बासा, कोल, पवई, माहुल, इटकोहिया, मिल्कीपुर, पवई, खुरासो, धर्मदासपुर, दसमड़ा, लोनियाडीह आदि स्थानों पर लाल सोना की खेती प्रमुखता से की जाती है। यहां से भरुआ मिर्च देश के पूर्वांचल और उत्तरांचल के साथ कोलकाता, मुंबई आदि महानगरों में निर्यात किया जता है। यहां से सीजन के दौरान पांच सौ कुंतल प्रतिदिन माल निकलता है।
व्यापारी राम फेर और अंगद सोनकर ने बताया कि बीते साल 6 से 7 हजार टन लाल सोना निर्यात हुआ था। इस साल 10 से 15 हजार टन लालमिर्च यानी भरुआ मिर्च निर्यात की संभावना है। वर्तमान समय में 4500से 5500 रुपये प्रति कुंतल लाल सोना किसानों से क्रय किया जा रहा है। अंगद सोनकर और भाजपा नेता राजेश मोदनवाल उर्फ चुटटूर ने बताया कि फूलपुर में स्थायी मिर्चा मंडी न होने से किसानों को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है। सुविधा के नाम पर यहां उन्हें कुछ नहीं मिलता। यहां बिजली पनी शौचालय का अभाव है।
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