जिला महिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर के घर में डिलीवरी के बाद नवजात की मौत हो गई। बाल रोग विशेषज्ञ ने घर में डिलीवरी न कराने का भविष्य के लिए सुझाव दिया तो अस्पताल के डॉक्टरों के बीच ठन गई। यहां तक कि फोन पर भी अपशब्द कहने का ऑडियो सामने आया है। इसमें महिला डॉक्टर बाल रोग विशेषज्ञ से अपशब्द कहती सुनाई दे रही हैं। मामले की शिकायत बाल रोग विशेषज्ञ ने एडी हेल्थ से भी की है।
जिला महिला अस्पताल के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप कुमार वार्ष्णेय ने एडी हेल्थ, डीएम और सीएमएस से की शिकायत में बताया कि 25 नवंबर को वह शाम की ड्यूटी पर तैनात थे। शाम करीब पांच बजे उनके यहां दो महिलाएं एक नवजात को लेकर आईं। नवजात का जब मेडिकल परीक्षण हुआ तो वह मृत मिला। महिलाओं से जानकारी करने पर पता चला कि नवजात का जन्म महिला अस्पताल में तैनात डॉ. आकांक्षा यादव के घर पर हुई है। इसके बाद वह महिलायें एसएनसीयू से चली गई। उस वक्त एसएनसीयू वार्ड में नर्स वंदना सक्सेना मौजूद थी।
गाली-गलौज का आरोप
इसी बीच डॉ. आकांक्षा यादव का कॉल नर्स वंदना सक्सेना के मोबाइल पर आया। आरोप है कि डॉ. आकांक्षा यादव ने नर्स के साथ मोबाइल कॉल पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुये बदसलूकी की। विरोध करने पर देख लेने की धमकी दी। गाली-गलौज करने के बाद कॉल काट दिया। इसके बाद फिर से कॉल किया और उन्हें लेकर गाली-गलौज की। इस पर एसएनसीयू वार्ड में भीड़ जमा हो गई। डॉ. संदीप कुमार वार्ष्णेय ने नर्स से मोबाइल लेकर डॉ. आकांक्षा को समझाने की कोशिश की तो वह आग बबूला हो गईं। उन्होंने उनके साथ भी गाली-गलौज और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। आरोप है कि काफी समझाने के बाद भी वह सुनने को राजी नहीं हुई। इन सभी बातों की कॉल रिकॉडिंग भी मौजूद है।
घर में खोल डाला अस्पताल
डॉ. संदीप कुमार वार्ष्णेय का आरोप है कि डॉ. आकांक्षा नियमित पोस्ट होने के बावजूद अपनी स्वास्थ्य सेवायें अपने सरकारी आवास पर देती हैं। वह आवास पर मरीजों को देखने के साथ ही प्रसूताओं की डिलीवरी भी करती हैं। इस बारे में कई बार मौखिक एवं लिखित शिकायत हो चुकी है। बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
ड्यूटी पर घूसखोरी की तोहमत
डॉ. संदीप ने डॉ. आकांक्षा पर छह हजार की घूस मांगने का भी आरोप लगाया है। बताया कि उनके एक रिश्तेदार महिला का जिला अस्पताल में ऑपरेशन होना था। छह हजार रुपए मांगे गये, नहीं देने पर डॉक्टर ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया। इससे प्रसूता और उनके बच्चे की जान को खतरे में डालकर उन्हें रेफर कर दिया गया।
डॉ. आकांक्षा ने आरोपों को बताया निराधार
डॉ. आकांक्षा ने बताया कि डॉ. संदीप कुमार वार्ष्णेय के लगाये गये आरोप निराधार है। जो महिलाएं मृत बच्चे को लेकर एसएनसीयू वार्ड लेकर गयी थी। वह उनकी पहचान की थी। उन्होंने बच्चे की हालत गंभीर देखते हुये एसएनसीयू वार्ड भेजा था, लेकिन बच्चे की मौत हो गयी। इस बीच डॉ. संदीप कुमार वार्ष्णेय ने उन महिलाओं के बताने पर डॉ. आकांक्षा के बारे में बदसलूकी की बातें की थी, जिसका संज्ञान आने पर डॉ. संदीप से मोबाइल पर बातचीत हुई थी। उनसे इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है। वह गुरुवार को अपना लिखित स्पष्टीकरण देंगी।
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