मेरा बेटा पहले तो बहुत अच्छा था। पढ़ाई में भी टॉपर था लेकिन दिल्ली में उसकी एक लड़की से मुलाकात हो गई, जिसके बाद से उसका हावभाव, स्वभाव सब बदल गया। उसकी इन्हीं हरकतों से परेशान होकर हमने उसको बेदखल कर दिया था लेकिन फिर भी वो हमारे घर आ जाता था। आज उसकी वजह से हमारी समाज में नाक कट गई है। पुलिस और एटीएस हमें ही संदिग्धों की तरह देख रही है।
ये कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी देने वाले अमन सक्सेना के पिता सुभाष सक्सेना का। सुभाष के घर में बहुत तनावपूर्ण हालात हैं। अमन की मां बात-बात पर रो पड़ती है।
बता दें, गुजरात ATS ने शनिवार देर रात बदायूं से अमन सक्सेना नाम के युवक को गिरफ्तार किया था। आरोप है, अमन ने प्रधानमंत्री कार्यालय यानी PMO को ई-मेल भेजकर प्रधानमंत्री को जान से मारने की धमकी दी थी। जिसके बाद ATS की टीम अमन के घर पहुंची और उसको उठा लिया। कुछ देर पूछताछ के बाद टीम उसको लेकर गुजरात चली गई थी। मामले की जांच अभी भी जारी है। मामला बदायूं के सिविल लाइन थाने से लगभग एक किलोमीटर दूर आदर्श नगर कालोनी की गली नंबर-1 का है।
बेटे की हरकत से मां-बाप शर्मिंदा हैं और उदास भी
आरोपी अमन सक्सेना का घर गलियों में बना हुआ है। गली के बीच में ही अमन सक्सेना का घर बना हुआ है। घर में घुसते ही उसके पिता सुभाष सक्सेना से हमारी मुलाकात होती है। वह उदास हाल में सिर झुकाए घर में एक कुर्सी पर बैठे हैं। अमन की मां भी उदास हैं।
खबर में पोल है। आगे बढ़ने से पहले इसमें हिस्सा लेकर राय दे सकते हैं।
1 आईआईटियन इन हरकतों में क्यों शामिल हो गया
अमन सक्सेना पढ़ाई में तेज था। उसने आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। 2016 से दिल्ली में रहकर नौकरी कर रहा था। ऐसे में उसका पीएम को जान से मारने की धमकी देने वाला मेल कई सवाल खड़े करता है। आखिर ऐसा क्या कारण था जो उसने पीएम को ये मेल किया? उसने ये काम मजाक में किया या इसके पीछे कोई बड़ा कारण हो सकता है? इस बात का खुलासा तो ATS की जांच में होगा, लेकिन अमन का व्यवहार कैसा था और वह इन सब हरकतों में कैसे शामिल हुआ ये जानने के लिए भास्कर की टीम ने अमन के पिता सुभाष सक्सेना से मुलाकात की। बातचीत में सुभाष ने अमन के बारे में कई बातें बताईं।
पिता बोले- दिल्ली की लड़की बेटे से पैसे मांगती थी
सुभाष का कहना है, "मेरा बेटा अमन हमेशा से इंजीनियर बनना चाहता था। वो बचपन से इलेक्ट्रानिक सामानों में रुचि दिखाता था। अपने खिलौने से भी खेलता कम था और उनको खोलता ज्यादा था। धीरे-धीरे बड़ा हुआ तो घर के छोटे मोटे इलेक्ट्रिक के काम तो वो खुद ही निपटा देता था। फ्रिज, टीवी का रिमोट वो आसानी से सही कर देता था। उसने बदायूं के ही एक कॉन्वेंट स्कूल से PCM से इंटर पास किया। उसके बाद जल्दी नौकरी पाने के लिए बरेली से पॉलिटेक्निक का कोर्स करने चला गया। इसी बीच वो आईआईटी की तैयारी भी कर रहा था। घर भी बहुत कम आता था। बेटे की पढ़ाई के लिए लगन को देखकर हम लोग बहुत खुश होते। उसे कभी किसी चीज के लिए मना नहीं करते। न किसी काम के लिए रोकते।"
"साल 2012 में उसका सलेक्शन मुंबई आईआईटी में हो गया। उसका पॉलिटेक्निक का कोर्स भी पूरा हो चुका था। कुछ दिन घर रुकने के बाद वो मुम्बई चला गया। वहां भी उसकी पढ़ाई बढ़िया चल रही थी। हम लोग कभी-कभी उससे मिलने मुंबई चले जाते थे। 2016 में मुंबई आईआईटी से उसने बीटेक पूरा किया। इसके बाद उसकी नौकरी दिल्ली में लग गई। वहां भी उसने 1 साल तक बहुत अच्छे से नौकरी की, लेकिन इसी बीच उसकी जिंदगी में एक तान्या नाम की लड़की आ गई और यहीं से मेरे बेटे के बदलने की कहानी शुरू हो जाती है।"
"पहले हम लोगों का बेटा घर पर रोज फोन करता था लेकिन उस लड़की के आने के बाद उसका फोन आना बंद हो गया। हम लोग फोन करते तो वो उठाता भी नहीं। कभी-कभी बात करता तो गुस्से में। घर बुलाओ तो नहीं आता। पता नहीं उस लड़की ने ऐसी क्या घुटी पिलाई मेरे बेटे को वो बिल्कुल बदल गया। उसको खुद अच्छी सैलरी मिलती थी उसके बाद भी उसका खर्चा पूरा नहीं हो पाता। वो आए दिन मुझसे पैसे मांगता रहता था। उसका मानसिक संतुलन भी बिगड़ गया था।"
"घर भी आता तो बस 2 दिन के लिए। उसमें भी फोन पर ही लगा रहता था। दिन भर फोन में वीडियो देखा करता। कुछ पूछो तो उठकर बाहर चला जाता। उसमें अपनी मां को लड़की के बारे में बताया था। वहीं से मुझे पता चला था। उसकी मां ने उसको इस मामले में समझाया भी था लेकिन उसने एक नहीं सुनी। हम लोगों को वो लड़की ठीक नहीं लगती थी। वो हम लोगों के बेटे से खूब पैसे लूटती थी। उसके बात करने का तरीका भी बहुत बुरा था।"
"धीरे-धीरे हम लोगों का बेटा बिल्कुल बिगड़ चुका था। हम लोग इस बात को लेकर बहुत परेशान रहते थे। वो अपने फेसबुक पर भी अजीब-अजीब सी चीजें पोस्ट करता था। उसके बाद डिलीट कर देता। उसने अपने फेसबुक पर लिखा था, मुझे ढूंढना हो तो गूगल करो”। इसके लिए भी हम लोगों ने उसको डांटा था, लेकिन वो हमारी सुनता ही कहां था। उसका फोन लड़की ही ज्यादा चलाती थी।"
"वो जब भी घर आता तो हजारों रुपए मांग कर ले जाता। घर का सामान उठा लेता। मना करो तो लड़ने लगता। घर में तोड़फोड़ कर देता। उसकी हरकतों से परेशान होकर मैंने उसको साल 2021 में घर से बेदखल कर दिया था। लेकिन उसके बाद भी वो घर में घुस आता था। हम लोग भी उसको भगा नहीं पाते आखिरकार अमन है तो हमारा इकलौता बेटा ही।"
बेटा कमरे में लेटा था, पुलिस वहीं से उठा ले गई
जिस दिन ATS ने उसको उठाया है, उसके दो दिन पहले ही वो घर आया था। उसकी हरकतों से लग नहीं रहा था कि वो इतना बड़ा कांड करने वाला है। हां उसने हमसे उस लड़की को देने के लिए 1 लाख रुपए मांगे थे। लेकिन हम लोगों ने उसको मना कर दिया था। जिस दिन उसने मेल किया है उसी दिन वो दोस्तों के साथ घूमने निकल गया था। रात में घर वापस आया था। उसके घर आते ही 2 लोग पीछे से घर में घुस आए। उन्होंने सादे कपड़े पहन रखे थे। पूछने पर उन्होंने अपना कार्ड दिखाया। मेरा बेटा कमरे में लेटा फोन चला रहा था, वो दोनों उसको वहीं से उठाकर ले गए।
मां बोली- हमारा अब उससे कोई रिश्ता नहीं है
हमने जब इस मामले में अमन की मां से बात करना चाहा तो वो रोने लगी। उन्होंने कहा,"बेटे को पढ़ाया लिखाया ये सोचकर की वो नाम रोशन करेगा, लेकिन उसने तो कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा। एक ही बेटा था हमारा वो भी नालायक निकल गया। अमन की मां ने कहा, "अब हमारा उसे कोई रिश्ता नहीं है। हम उसका मुंह भी नहीं देखना चाहते। पुलिस को उसके साथ जो करना है करे।"
प्रधानमंत्री और एटीएस से जुड़े मामले में हम क्या बोलें
सुभाष के परिवार से बातचीत के बाद हमने पड़ोसियों से बात करना चाहा। लेकिन किसी ने भी कैमरे पर बात नहीं की। दबी जुबान में सब यही कहते रहे कि प्रधानमंत्री और एटीएस से मामला जुड़ा है। कौन बोलकर फंसना चाहेगा। पड़ोसियों ने यह जरूर बताया कि यह परिवार अजीब है। सुभाष भले ही अमन को बेदखल बताता हो लेकिन वो अकसर यहां आ जाता था। अपने मां बाप से झगड़ता रहता था। वह रात में छुपते-छुपाते घर आता था।
आरोपी के पिता कर रहे थे पॉवर कार्पोरेशन में नौकरी
अमन के पिता सुभाष सक्सेना पावर कार्पोरेशन में रह चुके हैं। उनकी पोस्टिंग कासगंज के नदरई बिजलीघर पर थी। 2012 में पत्नी की बीमारी के कारण उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। सुभाष के साथ उनके छोटे भाई संजीव भी रहते हैं। वह भी बिजली विभाग में ही नौकरी करते हैं। इस समय संजीव ही घर का खर्च चलाते हैं। बताया गया कि एटीएस पिता, माता और चाचा के मोबाइल भी ले गई है।
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