बदायूं में अब जघन्य वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों को पुलिस केवल गिरफ्तार कर जेल भेजने तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अदालत से उन्हें सजा दिलाने तक उनका पीछा करेगी। इसके लिए जिले भर के थानों में अब पैरवी रजिस्ट्रर बनाया जाएगा। SSP डॉ. ओपी सिंह ने सभी थानेदारों को इसके निर्देश दिए हैं। ताकि अपराधियों को सजा दिलाना आसान हो सके।
अमूमन देखने में आता है कि किसी भी वारदात के बाद पुलिस संबंधित आरोपी की गिरफ्तारी कर उसे जेल भेज देती है। उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के बाद मान लिया जाता है कि कोरम पूरा हो गया। जबकि ट्रायल के वक्त पैरवी काफी धीमी होती है, क्योंकि कभी संबंधित पुलिसकर्मी गैर जिले में पोस्टिंग के कारण नहीं आ पाते तो कभी सबूत समेत फॉरेंसिक जांचें लंबे समय तक नहीं पहुंचतीं। फिर शुरू होता है सिलसिला तारीख दर तारीख का। इसका सीधा फायदा अपराधियों को परोक्ष रूप से पहुंचने लगता है और सजा न होने के कारण वो जमानत पर छूटकर अन्य वारदातों को अंजाम देते हैं।
ये की गई है तैयारी
इन समस्याओं के निस्तारण के लिए अब हर थाने में एक पैरवी रजिस्ट्रर बनेगा। इसमें संबंधित क्षेत्र की जघन्य वारदातों हत्या, डकैती, लूट, छिनैती, पॉक्सो एक्ट व महिला अपराधों का विवरण होगा। हर मुकदमे की अदालत में क्या तारीख लगी है, कौन से साक्ष्य फोरेंसिक लैब से आना पेंडिंग हैं और कब-किसकी गवाही होना है। यह भी रजिस्ट्रर में दर्ज होगा। संबंधित अपराधी की वर्तमान स्थिति भी इसमें समय-समय पर दर्ज की जाएगी। ताकि अपराधियों के खिलाफ पैरवी में किसी स्तर पर कमी न रह जाए।
लगातार जारी होंगे नोटिफिकेशन
रजिस्ट्रर के आधार पर केस से जुड़े पुलिसकर्मियों को लगातार नोटिफिकेशन जारी किए जाते रहेंगे। जो फॉरेंसिक लैब को भी साक्ष्यों के लिए रिमाइंडर जारी होते रहेंगे। साथ ही यह पता रहेगा कि किस केस में क्या प्रगति है और क्या कमी रह गई है। इसी आधार पर आगे की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। SP देहात सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि प्रत्येक थाने में पैरवी रजिस्ट्रर बनवाए जा रहे हैं। इसकी समीक्षा भी होगी।
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