बागपत कोर्ट ने एक मां को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषी महिला ने पति से झगड़े के बाद दो मासूमों को मौत के घाट उतार दिया था। महिला के देवर ने बताया कि भाभी और भैया का अक्सर झगड़ा होता रहता था। भाभी एक चोरी से मोबाइल भी रखती थी, जिसकी वजह से उस दिन झगड़ा हुआ था।
31 मार्च 2021 को घटना को दिया था अंजाम
पूरा मामला बागपत जनपद के कस्बा छपरौली के मोहल्ला कुरैशियान निवासी गुलाब कुरैशी अपनी पत्नी अंजुम और आठ वर्षीय बेटी अलसिफा व चार वर्षीय बेटे उमेर के साथ रहते थे। गुलाब कुरैशी फेरी लगाकर कपड़े बेचने बेचते हैं। 31 मार्च 2021 को गुलाब कुरैशी अपने भाई बिलाल के पास फरीदाबाद (हरियाणा) गए थे। एक अप्रैल 2021 की सुबह जब घर दूध वाला दूध लेकर पहुंचा तो अंजुम ने गेट नहीं खोला। जिसकी सूचना उसने स्थानीय लोगों को दी।
गृहक्लेश में चली गई मासूमों की जान
परिवार और स्थानीय लोगों ने जब घर के अंदर घुस कर देखा तो मकान में बेड पर दोनों बच्चों के शव मिले थे। शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की तफ्तीश शुरू कर दी। गुलाब के भाई हसीन कुरैशी ने थाने में पहुंचकर अपनी ही भाभी अंजुम पर मुकदमा दर्ज कराते हुए मामले में कार्रवाई की मांग की। हसीन ने बताया कि उसकी उसकी भाभी अंजुम चोरी से मोबाइल रखती थी। जिस कारण उसके भाई और भाभी का आपस में झगड़ा रहता था गृह क्लेश में उसकी भाभी अंजुम ने अपने दोनों बच्चों की गला घोंटकर हत्या की है।
पुलिस ने आरोपी अंजुम को गिरफ्तार किया था। बाद में अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। डीजीसी सुनील पंवार का कहना है कि केस जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर कुमार की अदालत में चल रहा था। वादी समेत सात गवाहों की गवाही हुई। अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर सोमवार को आरोपी अंजुम को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।
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