बहराइच की नानपारा विधानसभा क्षेत्र में गुरुवार को AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन) चीफ असदुद्दीन ओवैसी पहुंचे। जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। साथ ही उन्होंने बुधवार को शिवपाल यादव से हुई मुलाकात का राज भी खोला।
उन्होंने कहा कि एक दिन पहले ही हमने शिवपाल यादव से मुलाकात की है। इस दौरान ओपी राजभर और चंद्रशेखर भी मौजूद थे। ऐसे में जाहिर है कि हमने यूपी के मौसम पर चर्चा नहीं की है। हम गठबंधन पर बात कर रहे हैं। जब दोबारा मुलाकात होगी तो गठबंधन की बात आगे बढ़ेगी।
एक दिन पहले हुई थी शिवपाल और ओवैसी की मुलाकात
बीते बुधवार की रात प्रगतिशील समाजवादी पार्टी(प्रसपा) लोहिया के चीफ शिवपाल यादव के घर पर तीन राजनीतिक दलों के प्रमुख के साथ 2022 चुनाव की डिप्लोमेसी डिनर का आयोजन किया गया। जहां ओवैसी और चंद्रशेखर अलग-अलग गाड़ी से पीछे से पहुंचे थे।
राजभर अकेली गाड़ी से शिवपाल के घर पर पहुंचे थे। इस दौरान चारों नेताओं ने आगे की चुनावी रणनीति पर चर्चा की। हालांकि, इस मुलाकात को लेकर किसी नेता ने औपचारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।
दोबारा मुलाकात क्यों जरूरी है ?
दरअसल, गठबंधन के लिए शिवपाल यादव की पहली प्राथमिकता सपा है। अभी तक सपा की तरफ से उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिला है। दो दिन पहले ही शिवपाल ने इटावा में कहा था कि हम अभी 11 अक्टूबर तक सपा के जवाब का इंतजार करेंगे। हमारी प्राथमिकता है कि हमारा गठबंधन सपा के साथ ही हो। 11 अक्टूबर तक जवाब नहीं मिला तो हम प्रदेश की सभी सीटों पर अपने कैंडिडेट खड़े करेंगे। यही वजह है कि शिवपाल ने अभी ओवैसी, राजभर और चंद्रशेखर को वेट एंड वाच की स्थिति में रखा हुआ है।
अखिलेश भी चाहते हैं छोटे दलों से गठबंधन
वहीं, अखिलेश यादव भी छोटे दलों के साथ गठबंधन चाहते हैं। उन्होंने कन्नौज में एक दिन पहले कहा था कि हम क्षेत्रीय और छोटे दलों से गठबंधन की बात कर रहे हैं। हालांकि, शिवपाल के सवाल को वह टाल गए थे। बहरहाल, जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है बड़ी पार्टियों के साथ छोटे दलों की सक्रियता भी बढ़ गई है।
मनीष हत्याकांड पर भी योगी सरकार को घेरा
गोरखपुर घूमने गए कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड पर भी ओवैसी ने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई, जबकि योगी कहते हैं नौकरी ले लो। पैसा ले ले। योगी की ये ठोंको नीति का नतीजा है कि गोरखपुर में एक युवक ठोंक दिया गया।
जनाधार बढ़ाने के लिए ओवैसी कर रहे हैं यूपी का दौरा
बीते 4 महीनों में ओवैसी का बहराइच का यह दूसरा दौरा है। दरअसल, ओवैसी एक बार फिर यूपी में चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। ऐसे में वह अपनी सियासी जमीन तलाश रहे हैं। यही वजह है कि वह छोटे दलों के साथ गठबंधन की कवायद में लगे हैं। साथ ही दौरा कर पार्टी की स्ट्रेंथ भी जानने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि 2017 में ओवैसी की पार्टी ने 35 सीटों पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, जीत एक पर भी नहीं मिली थी।
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