बहराइच की घाघरा बैराज में शनिवार को एक बाघ का शव उतराता मिला। आसपास के किसानों ने इसकी जानकारी वन कर्मियों को दी। वन कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर बाघ के शव को बाहर निकाला। बाघ की मौत कैसे हुई है, इसका अभी तक पता नहीं चल सका है। DFO (Divisional Forest Officer) के साथ दुधवा के फील्ड डायरेक्टर पहुंचे। सभी अधिकारी मौत का कारण पता करने में जुटे हुए हैं। बता दें कि 13 दिन पहले लखीमपुर में भी बाघ की लाश मिल चुकी है।
बाघ के पैर और शरीर पर चोट के निशान मिले
यहां शव मैलानी वन रेंज के भरिगवां बीट में छेदीपुर गांव के पास जंगल के किनारे पड़ा था। जांच में सामने आया था कि बाघ के पैर और शरीर पर चोट के निशान थे। वन विभाग के कर्मचारी इस बात का अंदेशा लगा रहे थे कि यह बाघ किसी वाहन की चपेट में आया है। बाद में एक अज्ञात चालक के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया था। हालांकि स्थानीय लोगों को यह भी आशंका रहती है कि यहां बाघ का शिकार भी किया जाता है। यह सब वन विभाग की मिली भगत से होता है।
किसानों ने देखा बाघ का शव
कतर्नियाघाट सेंक्चुरी क्षेत्र के मझरा बीट से घाघरा बैराज प्रवाहित होती है। बैराज का मिलन कतर्नियाघाट के गेरुआ और कौड़ियाला नदी से होता है। कतर्नियाघाट रेंज के मझरा बीट में स्थित घाघरा बैराज के गेट से शनिवार शाम को एक बाघ का शव बहता हुआ आ रहा था। आसपास खेत में मौजूद किसानों ने बाघ का शव देखा।
ग्रामीणों की लग गई भीड़
कतर्नियाघाट रेंज के वन क्षेत्राधिकारी रामकुमार, वन दरोगा अनिल कुमार, लवलेश कुमार, वन रक्षक अब्दुल सलाम और एसटीएफ के जवान पहुंचे। वनकर्मियों ने पानी के अंदर पहुंचकर बह रहे बाघ के शव को कब्जे में लिया। सूचना पाकर काफी संख्या में ग्रामीण भी पहुंचे। अधिकारी दबीर हसन ने बताया कि मृत बाघ नर है। उसकी उम्र चार से पांच साल के बीच है। बाघ के शव मिलने की सूचना DFO आकाशदीप बधावन और दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक को दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।
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