भारत के इतिहास में कई ऐसे क्रांतिकारी पुरुषों का जन्म हुआ, जिन्होंने अपने धर्म, संस्कृति, आदर्शों एवं मूल्यों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी। इन महान पुरुषों में सिखों के 9वें श्री गुरु तेग बहादुर सिंह का नाम भी एक है। गुरु तेग बहादुर को 'हिंद की चादर' भी कहा जाता है। इन्होंने अपने धर्म को बचाने के ख़ातिर अपनी बलि दे दी।
28 नवंबर को गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब बलिया में भक्ति की बयार बही। गुरुद्वारा में सिख संगत ने शबद-कीर्तन से निहाल कर दिया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने गुरु का लंगर ग्रहण किया।
देर रात तक भजन-कीर्तन
गुरुद्वारा में देर रात तक भजन-कीर्तन चलता रहा। इस दौरान गुरु तेग बहादुर के जीवन, उनके संदेश और धर्म की रक्षा के लिए दी गई शहादत को याद किया गया। शहीदी गुरुपर्व पर हर वर्ष की भांति गुरुद्वारा में सिख संगत द्वारा शबद-कीर्तन किया गया और शहीदी दीप जलाया गया। धर्म की रक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले तेग बहादुर के जीवन से प्रेरणा लेने की सीख दी गयी।
कार्यक्रम में शामिल लोग
कार्यक्रम में प्रधान रणजीत सिंह, सनातन सिंह ,सागर सिंह, विश्वजित सिंह, संजय सिंह, सुरजीत सिंह ,केएसएस प्रधान विशाल सिंह, हरजिंदर सिंह ,जग दीप सिंह, देवेंद्र सिंह,निहाल सिंह, अशोक सिंह सहित अन्य श्रद्धालुओं शामिल रहे।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.