बलिया जिले के रामगढ़ स्थित शिव मंदिर के प्रांगण में चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दौरान भगवान कथा में देर रात्रि तक श्रद्धालु राम कथा का रसपान करते रहे। हरिदास बाबा ने कहा कि जब जब पृथ्वी पर दुष्टों का दुराचार, अत्याचारियों का अत्याचार, पापियों का पाप बढ़ता है, तब तब इस पृथ्वी पर नारायण का अवतार हेाता है।
नारायण ने अवतार लेकर इन दुष्टों का संहार किया है। भगवान का अवतार संत, महात्मा, गौ, ब्राह्मण के उद्धार करने के लिए ही होता है। संत जो होते हैं जगत के हित के लिए ही रूप धारण करते हैं। क्योंकि कहा गया है कि "आग लगी आकाश पर, तो झर झर गिरे अंगार, संत न होते जगत में तो, जल जाता संसार।" इस संत महात्मा जन जन के सहयोग लेकर जन जन के कल्याण के लिए यज्ञ कराते हैं। ताकि जन का कल्याण हो सके। पापियों के पाप से उद्धार हो सके।
इस कलिकाल मे केवल अंतर मन से राम नाम का जाप ही इस जीवन का उद्धार कर सकता है। राम कथा सुनने का मतलब है की राम की तरह बनना। इस दौरान गंगापुर प्रधान प्रतिनिधि उमेश यादव, पूर्व प्रधान पप्पू सिंह, गुप्तेशवर सिंह, अमरजीत सिंह, सुरेश मिश्र, अनिल सिंह आदि ने महाराज का मलायार्पण किया।
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