सरकार भले ही एक्सप्रेस-वे, फ्लाईओवर और लाखों किलोमीटर सड़क बनाने का दावा कर रही हो। हालांकि उनका यह दावा बलिया शहर में फेल नजर आ रहा है। आलम यह है कि क्षतिग्रस्त सड़कों पर जलजमाव से लोगों को पूस महीने में भादो का एहसास हो रहा है।
बता दें कि बारिश के दिनों में जल निकासी का उचित इंतजाम नहीं होने से पूरा शहर तरणताल बन गया था। मोहल्ले और कॉलोनियां बारिश के पानी में डूब गए थे। वीआईपी मुहल्लों में नाव चलने लगी थी और लोग घरों में कैद हो गए थे। पम्पिंग सेट से महीनों बाद पानी निकल सका था।
हालांकि शहर के कई जगहों पर अब भी सड़क पर पानी लगा हुआ है। शहर के एससी कॉलेज चौराहा, एनसीसी तिराहा और काजीपुरा मार्ग गड्ढों में तब्दील हो चुका है। उक्त सभी जगहों अभी भी पानी जमा है। ऐसे में लोगों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अहम बात यह है कि सभी रास्तों से नेता व अधिकारी भी आते-जाते हैं, लेकिन उनकी नजर इस समस्या पर शायद नहीं पड़ रही।
ईंट के टुकड़ों को डालकर छोड़ा
कुछ क्षतिग्रस्त सड़कों पर जल जमाव के बीच ईंट के टुकडों को डालकर जिम्मेदारों ने अपना काम पूरा कर दिया है। हालांकि टुकडों से राहत के बजाय और दिक्कत होने लगी है। एससी कॉलेज के पास सड़क पर गिट्टी गिरवाने के बाद दो जनप्रतिनिधि आमने-सामने आ गए। इस समस्या से लोगों को कब तक निजात मिलेगी यह बताने वाला कोई नहीं है।
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