बलरामुपर जिले में बाढ़ पीड़ितों को वितरण के लिए लाया गया आलू राहत केंद्र पर पड़े-पड़े सड़ गया। दो माह से 40 बोरी राहत सामग्री केंद्र में पड़ी चूहों का निवाला बन रही है। वहीं मामले को लेकर तुलसीपुर एसडीएम ने जांच की बात कही है।
प्राथमिक विद्यालय महराजगंज में रखी है राहत सामग्री
बता दें कि दो माह पहले तराई क्षेत्र के पहाड़ी खरझार नाले में कई बार भीषण बाढ़ आई थी। आधा दर्जन गांव में बाढ़ का पानी घुस गया था। स्थिति खराब होने पर ग्रामीणों की मदद के लिए खाद्यान्न और आलू मंगाया गया था। प्राथमिक विद्यालय महराजगंज तराई को बाढ़ राहत केंद्र बनाया गया था। सारे खाद्यान्न वहीं रखे गए थे। बाढ़ खत्म होने के बाद जिम्मेदार रोग कमरे में ताला बंद कर चले गए।
एसडीएम ने कही जांच की बात
आलू सड़ने पर उसकी दुर्गंध के कारण बच्चों का स्कूल में बैठना मुश्किल हो गया। खिड़की से देखने पर पता चला कि बोरियों में रखे आलू सड़ गए हैं। बोरियों में भरे आधे खाद्यान्न चूहे चट कर गए हैं। शिक्षकों का कहना है कि दुर्गंध के कारण स्कूल में संक्रामक बीमारी फैल सकती है। वहीं तुलसीपुर के एसडीएम मंगलेश कुमार दुबे ने बताया कि प्रकरण की जानकारी हुई है। जांच कराई जाएगी।
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