बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के फर्जी एंबुलेंस मामले में गुरुवार को बाराबंकी जिला सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुख्तार अंसारी कोर्ट में पेश हुआ। पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने अपने खाने में जहर मिलाने की आशंका जताई। मुख्तार ने कहा कि राज्य सरकार उसके खिलाफ किसी भी हद तक जा सकती है। जेल में उसके खाने में जहर मिलाया जा सकता है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई सात अक्टूबर तय की है।
मुख्तार ने मांगी उच्च श्रेणी की सुविधा
बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी ने उच्च श्रेणी की सुविधा देने के लिए बाराबंकी कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। मुख्तार अंसारी ने 287A मैन्युअल के अनुसार जेल में उच्च श्रेणी की सुविधा मांगी है। कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में मुख्तार का कहना था कि उच्च श्रेणी की सुविधा मिलने पर उसका अलग से खाना बनेगा, जिससे जहर मिलाने की आशंका नहीं रहेगी।
सात अक्टूबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
मुख्तार अंसारी ने कहा कि पहले की सरकारों में उसे जेल में उच्च श्रेणी की सुविधा मिलती थी। वह 25 साल से यूपी विधानसभा का सदस्य है, लेकिन वर्तमान सरकार उसे सुविधा नहीं दे रही है। सरकार ने राजनीतिक विरोध के चलते उच्च श्रेणी की सुविधा छीन ली है। मुख्तार ने कहा कि ये सरकार उसे खत्म करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। वहीं कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई सात अक्टूबर तय की है।
पत्नी ने एमपी-एमएलए कोर्ट में दाखिल की याचिका
बता दें कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा जिले में हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है, लेकिन उनकी पत्नी और बेटे ने सुरक्षा पर सवाल खड़े किए थे। हाल ही में मुख्तार की पत्नी ने एमपी-एमएलए कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने जेल के अंदर मुख्तार अंसारी की जान को खतरा होने का अंदेशा जताया था।
जानें क्या है मामला
मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान जिस एंबुलेंस का प्रयोग कर रहा था, वह 31 मार्च को चर्चा में आई थी। बता दें कि मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था, तब उसे मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था. इस दौरान जब मुख्तार को कोर्ट लाया गया तो वो यूपी के बाराबंकी जिले की नंबर प्लेट लगी हुई एंबुलेंस से मोहाली कोर्ट पहुंचा था। जब पुलिस ने जांच की तो पाया कि मऊ के श्याम संजीवनी हॉस्पिटल की संचालिका अलका राय और उनके कुछ सहयोगियों ने इस एंबुलेंस का कथित फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीकरण कराया है।
इसके बाद बाराबंकी की नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें मुख्तार अंसारी को साजिश और जालसाजी का आरोपी बनाया गया था। बाराबंकी पुलिस का कहना है कि डॉ. अलका राय, उनके सहयोगी डॉ. शेषनाथ राय, मुख्तार अंसारी, मुजाहिद, राजनाथ यादव और अन्य ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत एंबुलेंस के पंजीकरण के लिए कूटरचित कागजात तैयार किए थे। इसी मामले की सुनवाई बाराबंकी जिला सत्र न्यायालय में चल रही है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.