UP में पश्चिम से पूरब तक बाढ़:5 जिलों में 500 से ज्यादा गांव पानी से घिरे, सीतापुर में डूबने से 4 की मौत, 3 लापता
- शारदा-घाघरा खतरे के निशान से ऊपर
पहाड़ों में हुई बारिश से मैदानी इलाकों में बाढ़ आ गई है। यूपी में बाढ़ एक हफ्ते बाद अब जानलेवा होने लगी है। 5 जिलों में करीब 500 से ज्यादा गांव पानी में घिर गए हैं। लाखों की आबादी प्रभावित है। सीतापुर में रविवार को अलग-अलग बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में दो बच्चों, एक महिला सहित 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि मां-बेटी समेत तीन लोग अभी भी लापता हैं। NDRF की टीम और पीएसी के गोताखोर लापता लोगों की खोजबीन में जुटे हैं।
सीतापुर में शारदा व सरयू के तेज बहाव से तंबौर में बंधा कटने से 40 गांवों में पानी घुस गया है। लालपुर-तंबौर मार्ग को बंद करना पड़ा। बिसवां, लहरपुर व महमूदाबाद तहसील के 120 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। वहीं, बाराबंकी की तीन तहसीलों के सवा सौ गांव बाढ़ की चपेट में हैं। गोंडा में नवाबगंज से लखनऊ जाने वाले मार्ग पर आवागमन ठप कर दिया गया है। करनैलगंज में सरयू खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर बह रही है।
अयोध्या में सरयू खतरे के निशान से 41 सेमी ऊपर बह रही है। करीब दो सौ गांव बाढ़ की चपेट में हैं। तो वहीं बहराइच में महसी, कैसरगंज, मोतीपुर और नानपारा तहसील के 125 गांवों में पानी भरा है। जरवल में घाघरा एल्गिन ब्रिज खतरे के निशान से 82 सेमी ऊपर बह रही है। लखीमपुर खीरी में पलिया निघासन धौराहरा और सदर तहसील के करीब 200 गांव अपनी चपेट में ले लिए हैं।
11 तस्वीरों में देखिए बाढ़ की विभीषिका
बाराबंकी के बसंतापुर व देवपालपुर के बीच बाढ़ व कटान रोकने के लिये सिंचाई विभाग द्वारा बनवाया गया बांध करीब पांच सौ मीटर तक कट गया। पानी ने क्षेत्र में तबाही मचा दी है।
सबसे ज्यादा पलिया निघासन और धौराहरा के गांव प्रभावित हुए हैं। अभी भी दो लाख की आबादी जलमग्न है, सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है।
सीतापुर में शारदा नदी से निकले बाढ़ के पानी ने गांजरी क्षेत्र में भारी तबाही मचा दी है। नदी की तलहटी में बसे गांवों के अलावा क्षेत्र के करीब पांच दर्जन गांवों में पानी फैल गया है।
लखीमपुर खीरी में पलिया निघासन धौराहरा और सदर तहसील के करीब 200 गांव बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिए हैं जिनमें आज भी पानी भरा हुआ है।
सीतापुर के गांजर इंटर कॉलेज से लेकर सुजावलपुर तक करीब पांच किलोमीटर, तंबौर से बिसवांखुर्द होकर अकबरपुर तक करीब चार किलोमीटर दोनों सड़कों, तंबौर से छतांगुर होकर देवपालपुर तक, पर करीब 4 किलोमीटर सड़कों पर एक से दो फीट तक पानी है।
बाराबंकी के सिरौलीगौसपुर बाढ़ क्षेत्र भयकपुरवा निवासी मीना पत्नी केशवराम को शुक्रवार दोपहर पेट में दर्द शुरू हो गया। उसको डिलीवरी होनी थी। मगर गांव के चारों तरफ पानी ही पानी था। महिला को रेस्क्यू करके बाहर निकाला और बांध पर लगी एंबुलेंस से उसे अस्पताल पहुंचाया गया।
बाराबंकी की तीन तहसीलों के करीब सवा सौ गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं। यहां के लोग तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं। शुक्रवार को नदी का पानी सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए खतरे के निशान से 77 सेंमी. ऊपर पहुंचने के साथ बढ़ता ही जा रहा है।
बाराबंकी के तराई इलाके में उफनाई नदियां बिसवां, लहरपुर व महमूदाबाद तहसील में अपना कहर बरपा रही हैं। बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं।
सीतापुर के कस्बा तंबौर के कई मोहल्लों के साथ सीएचसी केंद्र, मंडी, पावरहाऊस गांजर इंटर कॉलेज में एक फ़ीट से ऊपर पानी बह रहा है।
लखीमपुर खीरी में बीते चार दिनों से शारदा नदी के पानी से लखपेड़ा, ख़नवापुर, ऐरा, मिदनिया, डेबर, मिश्रगाव, बेनीपुरवा, कंचनपुरवा, चकदहा, ओझापुरवा, बेलागढ़ी, पोखरा, लौकाही मल्लापुर, गनापुर, चंदौली, मांझा सुमाली, साधुवापुर आदि गांव बाढ़ की चपेट में हैं।