समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान जेल से रिहा हुए रिहा होने के बाद रामपुर रामपुर के लिए जब वह जा रहे थे तो बरेली फतेहगंज पश्चिमी टोल प्लाजा पर आजम खां के काफिले को शासन-प्रशासन ने रोक दिया। बताया जाता है कि आजम खां के काफिले में भारी संख्या में वाहन मौजूद थे।
जैसे ही उनका काफिला फतेहगंज पश्चिमी टोला प्लाजा पर पहुंचा पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए उनका काफिला रोका फिर आजम खान और उनकी सुरक्षा में मौजूद दो वाहनों को ही रामपुर की तरफ जाने दिया गया। इस दौरान आजम खान ने पुलिस-प्रशासन से उन्हें काफिले के साथ जाने के लिए रिक्वेस्ट की लेकिन अफसरों ने उनकी सुरक्षा का हवाला देते हुए सिर्फ तीन वाहनों के साथ ही उन्हें रामपुर के लिए भेजा।
30 मिनट तक रुका काफिला, समर्थकों में आक्रोश
आजम खान को सीतापुर जेल से जमानत मिलने के बाद बड़ी संख्या में उनके समर्थक जेल पहुंचे थे। कुछ समर्थक उनका रास्ते में इंतजार कर रहे थे। जगह-जगह समर्थक उनका स्वागत करने के बाद उनके साथ अपने लग्जरी वाहनों के साथ काफिले में शामिल हो जा रहे थे। जिससे उनके काफिले में तीन दर्जन से अधिक वाहन थे। मामले की जानकारी बरेली पुलिस-प्रशासन को दी गई तो बरेली के अफसर भागते हुए फतेहगंज पश्चिमी टोल प्लाजा पहुंचे और आजम खान के काफिलों को रोक दिया।
पहले तो काफिले में मौजूद उनके समर्थकों ने विरोध किया लेकिन अफसरों ने सख्ती दिखाई तो वह चुप हो गए। करीब 30 मीनट तक अफसरों और उनके समर्थकों के बीच नोकझोंक चलती रही। उसके बाद आजम खान खुद कार से उतरे और काफिलेे में मौजूद वाहनों को उनके साथ जाने के लिए रिक्वेस्ट किया लेकिन अफसर नहीं माने और उनके सुरक्षा का हवाला देते हुए उनकी सुरक्षा में मौजूद 2 वाहनों के साथ ही उन्हें आगे जाने की परमीशन दी।
जिसके बाद आजम खान तीन वाहनों के साथ ही रामपुर के लिए चले गए। इस दौरान पुलिस ने उनके साथ मौजूद काफिले को पूरी तरह से सख्ती के साथ रोक दिया। जिसके बाद ज्यादातर काफिले में मौजूद समर्थक वापस लौट गए। इस दौरान जब मीडिया ने आजम खान से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने मीडिया का सिर्फ अभिवादन स्वीकार कर कुछ बोलने से मना कर दिया।
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