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बरेली...झाड़ियों में कराहते मिले घायल नवजात की मौत:फरीदपुर कस्बे के गांव जेड में नहर के किनारे तड़के किसी ने नवजात को था फेंका

बरेलीएक वर्ष पहले
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किसी बिन ब्याही मां ने बादनामी के डर से मामता का गला घोंट कर झाड़ियों में फेंका मासूम - Dainik Bhaskar
किसी बिन ब्याही मां ने बादनामी के डर से मामता का गला घोंट कर झाड़ियों में फेंका मासूम

बरेली के थाना फरीदपुर कस्बे के गांव जेड स्थित नहर के किनारे झाड़ियों में एक नवजात घायल बच्चा पड़ा मिला। उधर से गुजर रहे राहगीरों ने नवजात के कराहने की आवाज सुनी तो झाड़ियों में से मासूम को बाहर निकाला। जिसके बाद मामले की सूचना पर पुलिस पहुंची। आशंका है कि चलती बाइक से नवजात बच्चे को बुधवार तड़के किसी ने झाड़ियों में फेंका था। जिसके चलते नवजात बच्चा घायल भी हो गया है। पुलिस ने बच्चे को पहले सीएचसी भेजा। जहां से नवजात को बरेली जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के दौरान दोपहर में मासूम की मौत हो गई।

तड़के सन्नाटे में बच्चे को फेंका झाड़ियों में

फरीदपुर पुलिस ने पूरे घटना क्रम की पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस की माने तो बच्चे को किसी ने चलते वाहन से झाड़ियों में फेंका है। बच्चा महज चंद घंटे पहले ही जन्म लिया है। संभावना जताई जा रही है कि किसी बिन ब्याही युवती के मां बनने के कारण उसके घर वालों ने बदनामी के डर से बेटा होने के बावजूद भी झाड़ियों में फेंक दिया है। हालांकि पुलिस को उस रास्ते में कुछ सीसीटीवी लगे मिले हैं। पुलिस उन सीसीटीवी के माध्यम से यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर मासूम को किसने फेंका। वहीं बाइक से झाड़ियों में फेंकने के चलते बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिला अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में बच्चे का इलाज चल रहा था लेकिन दोपहर में बच्चे ने दम तोड़ दिया।

चोट लगने से कराह रहा था मासूम

घटना की जानकारी मिलने के बाद लोगों की भीड़ जुट गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि रास्ता नहर का होने और सुनसान होने के कारण लोग अक्सर यहां भ्रूण या फिन नवजात बच्चियों को फेंक जाते हैं लेकिन पहली बार ऐसा हुआ कि बेटा होने के बाद भी किसी ने बच्चे को झाड़ियों में फेंक दिया। गनीमत यह रही है कि बच्चे को नहर में नहीं फेंका गया और इस दौरान आवारा कुत्तों का ध्यान नवजात की तरफ नहीं गया, नहीं तो कुत्ते मासूम को नोंच डालते। वहीं चोट लगने की वजह से मासूम ठीक से रो तक नहीं पा रहा था सिर्फ कराह रहा था। हालांकि दोपहर में मासूम की सांसे थम गईं।

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