बरेली में वैसे तो किसान अपने खेतों में तरह-तरह की फसल लगाते हैं। अनाज, फल व सब्जियों से लेकर औषधीय पौधों का उत्पादन भी करते हैं। लेकिन, अब इन सभी के साथ वे प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना के अंतर्गत नेडा के माध्यम से वह अपनी जमीन पर सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित कर बिजली उत्पादन भी कर सकेंगे।
सरकार की तरफ से मिलेगी मदद
नेडा के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि सरकार की तरफ से इस काम में किसानों को सरकारी मदद भी मिलेगी और सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए विकासकर्ता को 25 साल के लिए अपनी जमीन पट्टे पर देकर वह नियमित आमदनी प्राप्त कर सकेंगे। किसानों और विकासकर्ता के बीच आय को लेकर अनुबंध होगा। प्लांट लगने के बाद बनने वाली बिजली को संबंधित फीडरों को दिया जाएगा। बची हुई बिजली किसानों को भी दी जाएगी। जमीन से 10 से 15 फीट की ऊंचाई पर सोलर पैनल्स स्थापित किए जाएंगे और साेलर पैनल के नीचे पहले की तरह ही खेती होती रहेगी। जबकि सोलर प्लांट स्थापना के लिए प्रति मेगावाट के लिए कम से कम चार हेक्टेयर की जमीन की जरूरत होगी। एक किसान पर पर्याप्त जमीन न होने पर एक से अधिक किसान मिलकर जमीन विकासकर्ता को दे सकेंगे।
10 विद्युत सब स्टेशन चयनित
सौर ऊर्जा प्लांट स्थापना के साथ ही इनके कनेक्शन की स्थिति भी साफ हो गई है। इसके लिए जिले के करीब 10 विद्युत सब स्टेशनों का चयन किया गया है। इनमें अलीगंज, अन्तुआ, बल्लिया, भुता, मानपुरा आदि शामिल हैं। योजना में आवेदन की अंतिम तिथी 13 दिसंबर को समाप्त हो चुकी है।
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