डीएम शिवाकान्त द्विवेदी ने कहा कि जनपद में जल संरक्षण के प्राकृतिक संसाधनों को पुन: उनकी वास्तविक स्थिति में लाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि पोखरों, तालाबों और नदियों के पुनरुद्धार के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रतिबद्धता के साथ अतिक्रमण मुक्त कर कार्य तत्काल प्रारंभ कर दिए जाएं। डीएम ने आज तहसील फरीदपुर के गांव बिसरिया एवं रिछा का निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने उप ज़िलाधिकारी फरीदपुर अजय कुमार उपाध्याय सहित संबंधित अफसरों को आवश्यक निर्देश दिए। निरीक्षण में मुख्य विकास अधिकारी चंद्र मोहन गर्ग भी मौजूद थे। डीएम ने कहा कि तालाबों व पोखरों जिन पर अवैध कब्जा है समस्त स्थलों पर से अतिक्रमण हटाने के अभियान में और तेजी लाई जाए। इसके साथ ही चिन्हित दो गांवों के तलाबों को पक्षी विहार के रूप् में विकसित किया जाए।
पक्षी विहार के रूप में विकसित होने पर पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
उल्लखेनीय है कि डीएम के निर्देश पर जल संरक्षण व तालाबों के पुनर्जीवन हेतु अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत फरीदपुर के उप ज़िलाधिकारी द्वारा ग्राम बिसरिया तथा रिछा के चिन्हित जिन तालाबों आदि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है । उस भूमि का आज निरीक्षण किया गया। उप ज़िलाधिकारी ने बताया कि ग्राम बिसरिया में 19 तालाब हैं जिनका रकबा 18.61 हेक्टेयर है जिनमे तालाब खसरा 184 का रकबा 11.44 हेक्टेयर है।
ग्राम बिसरिया का कुल एरिया 103 हेक्टेयर है, इस गांव में कुल 19 तालाब हैं, इनमें से कई तालाब एक दूसरे से प्राकृतिक रूप से जुड़े हुए है। स्थानीय ग्रामवासियों ने बताया कि यहाँ बहुत पहले से ही सारस आदि पक्षियों का बसेरा रहा है परंतु अतिक्रमण व पानी के अभाव से अब उनकी संख्या कम हो गयी है। निरीक्षण के दौरान डीएम ने मुख्य विकास अधिकारी तथा परियोजना निदेशक को इसके पुनरुद्धार के लिए कार्य योजना बनाकर कार्यवाही के लिए निर्देशित किया।
इसी प्रकार ग्राम रिछा में तालाब भूमि खसरा 481 मि रकबा 7.543 हेक्टेयर को विकसित कर उसका पुनरुद्धार किये जाने हेतु जिलाधिकारी ने परियोजना निदेशक को निर्देशित किया। डीएम ने कहा कि ये स्थान पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं, इस दृष्टिकोण से भी इस प्रकार के स्थलों का विकास किया जाना चाहिए।
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