DM शिवाकान्त द्विवेदी ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में अफसरों के साथ बैठक की। इस दौरन उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि मिशन शक्ति के तहत बाल श्रमिकों के लिए रैस्क्यू अभियान चलाया जाए।
उन्होंने गठित टीम को निर्देशित किया कि जनपद में बाल श्रमिकों के चिन्हांकन हेतु मिशन शक्ति 4.0 की कार्ययोजना के अनुसार बाल श्रमिकों को कार्य से हटाने, रैस्क्यू कर उनका पुर्नवासन करने हेतु 7 मई 2022 तक अभियान चलाया जाए।
रैस्क्यू कर (CWC) के सामने किया जाएगा पेश
उन्होंने कहा कि गठित टीमों द्वारा अभियान अवधि में बाल श्रमिकों को चिन्हित कर बाल कल्याण समिति (CWC) के समक्ष प्रस्तुत किया जाये तथा नियमानुसार मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा आयु परीक्षण कराया जाए। बाल श्रम के विरुद्भ प्रचार प्रसार के माध्यम से बाल श्रम नियोजन के दुष्परिणामों से भी जन मानस को भी अवगत कराया जाये।
बता दें कि पिछले काफी समय से शिकायतें मिल रही थी जिले में बड़े पैमाने पर बाल श्रमिक दिखाई पड़ रहे हैं। कोविड के बाद से बाल श्रमिकों की संख्या बढ़ गई है। शहर से लेकर देहात तक चाय नाश्ते, परचून की दुकान, ईंट भट्ठा, मजदूरी के साथ ही अन्य कामों में बाल श्रमिक काम करते दिखाई पड़ रहे है। जिसके बाद डीएम ने संबंधित अफसरों को अभियान चलाकर इन बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराने के लिए कहा गया है।
शहर की बात करें तो शहर में बारादरी, किला, श्यामगंज, सिविल लाइंस, जंक्शन, पुराना शहर, कोहड़ापीर, इज्जतनगर, डेलापीर के आसपास बड़ी संख्या में लोग बाल मजदूरी करते देखे जाते हैं। पहले भी अफसर बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई कर चुके हैं लेकिन कुछ समय बीतने के बाद मामला फिर पुराने ढर्रे पर आ जाता है। जानकारों की माने तो जिम्मेदार अफसरों की अनदेखी के चलते बाल मजदूरी को बढ़ावा मिलता है।
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