बरेली एसटीएफ द्वारा तीन दिन पहले शाहजहांपुर से 8 क्विंटल गांजा तस्करी के मामले में पड़ताल के दौरान चौकाने वाली बात पता चली है। गांजा तस्करी के मुख्य दो तस्कर गांजा की रकम देने के लिए दिल्ली से फ्लाइट पकड़कर उड़ीसा के भुवनेश्वर जाते थे। वहां पहुंचने के बाद वह होटल में रुकते और गांजा खरीदने की पूरी रकम देकर लौट आते थे। इस बार फ्लाइट और भुवनेश्वर में सैर सपाटे के चलते 8 क्विंटल गांजा के लिए रुपये कम पड़ गए तो गांजा सप्लाई करने के बाद उड़ीसा के तस्करों ने मुरादाबाद के तस्करों के गुर्गे शिवाजी को अपने पास बंधक बना लिया है।
सैर सपाटे में खर्च हो गई थी लाखों की रकम
मुरादाबाद का सरगना इरफान अपने मैनपुरी के साथी सलीम के साथ गांजा सप्लाई का अवैध धंधा सालों से कर रहा है। करीब एक महीने पहले दोनों उड़ीसा के तस्करों को रकम पहुंचाने के लिए दिल्ली से फ्लाइट पकड़कर उड़ीसा के भुवनेश्वर पहुंचे। वहां समु्द्र के किनारे होटल में 15 दिन रुक कर डील की। इस दौरान उन्होंने अय्याशी और सैर सपाटे में लाखों की रकम उड़ा दी। जब 8 क्विंटल की डील तय हुई तो करीब चार लाख रुपये कम पड़ गए। जिसके बाद दोनों उड़ीसा के तस्करों से कहा मुरादाबाद पहुंचकर रकम खाते में डलवा देंगे। दोनों मुरादाबाद आए लेकिन उधार रकम नहीं डाली। 10 दिन पहले उड़ीसा से माल की डीलीवरी होने के बाद भी रुपये नहीं पहुंचने से नाराज तस्करों ने 8 क्वींटल माल ट्रक में लोड कर दे दिया लेकिन इरफान के खास गुर्गे शिवाजी को अपने पास बंधक बना लिया। उन्होंने कहा कि जब रकम डाल दोगे तो गुर्गे को छोड़ दिया जाएगा। जिसके बाद अब एसटीएफ इरफान और उड़ीसा में बंधक बने उसके गुर्गे की तलाश कर रही है।
2011 से कर रहे थे गांजा तस्करी
एसटीएफ प्रभारी अजय पाल सिंह ने बताया की इरफान और उसका साथी सलीम 2011 से गांजा तस्करी का अवैध धंधा कर रहे है। वह उड़ीसा से टैंकर में नमक की बोरी के बीच माल छुपाकर तस्करी करते थे। साल में वह 10 बार गांजे की खेप मंगाते थे। उसके बाद स्थानीय सप्लायरों के साथ दिल्ली, पंजाब और गुरुग्राम तक गांजा सप्लाई करते थे। फिलहाल एसटीएफ उन सबकी कुंडली तैयार कर रही है।
सभी के मोबाइल सर्विलांस पर
एसटीएफ ने इस गांजा तस्करी के गैंग में शामिल सभी तस्करों के मोबाइल सर्विलांस पर लगाया है। हालांकि दो तस्करों की गिरफ्तारी और 8 क्विंटल गांजा पकड़ने के बाद गैंग को झटका लग गया। पुलिस ने उनकी तलाश में मुरादाबाद, मैनपुरी समेत कई जगहों पर दबिश दी लेकिन वह हाथ नहीं लगे। उन्होंने अपने मोबाइल नंबर भी बंद कर लिए है। एक नंबर चालू है जो उड़ीसा में चल रहा है। यह नंबर उसी शिवाजी नाम के गुर्गे का है जो उड़ीसा में बंधक बना हुआ है।
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