कहते हैं कि आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है। इसका सीधा सा उदाहरण यूपी के बस्ती में देखने को मिला। यहां के एक शख्स ने अपने हुनर से एक ऐसी कार बनाई, जिसे देखकर हर कोई तारीफ कर रहा है। यही नहीं, बीते दिनों महिंद्रा ग्रुप के सीईओ आनंद महिंद्रा को यह कार इतनी पसंद आई कि उन्होंने इस 'देसी फरारी कार' को बनाने वाले से मिलने की इच्छा जताई है।
आइए मिलते हैं उस शिवपूजन से जिन्होंने महज दूध ढोने के लिए देसी फरारी बनाई है...
बस्ती जिले के गांव रौताइनपुर में शिवपूजन रहते हैं। शिवपूजन ने बताया, "बचपन से इंजीनियर बनने का सपना था, लेकिन, घर की आर्थिक हालत सही नहीं थी, लिहाजा इंजीनियर तो नहीं बन सका, लेकिन हर समय कुछ नया करने का जुनून रहता था।"
वेल्डिंग का काम सीखा तो आने लगे आइडिया
उन्होंने बताया, "इंजीनियर तो नहीं बन सके, लेकिन कुछ खोजने की इच्छा कम नहीं हुई। आजीविका के लिए कुछ दिन रंगाई-पुताई का काम सीखा। इससे जीवन का गुजारा किया। इसमें धीरे-धीरे शौक बढ़ा तो पेंटिंग के साथ दीवारों पर चित्रकारी व राइटिंग का काम शुरू कर दिया। इसे भी लोगों ने सराहा।"
शिवपूजन ने बताया, "इसमें कोई कमाई नहीं थी, लिहाजा वेल्डिंग का काम सीखा। इसके साथ गेट, ग्रिल आदि बनाने लगे। बस यहीं से कुछ नया करने का मन करने लगा।"
दूध को लाने और ले जाने में हो रही थी दिक्कत
शिवपूजन ने बताया कि उन्होंने कुछ दिनों बाद दूध का कारोबार शुरू किया, लेकिन दूध को लाने और ले जाने में दिक्कत हो रही थी। बस्ती शहर के मालवीय राेड पर उनकी डेयरी है। बाइक से रोजाना शहर दूध ढोने में काफी मुश्किले होती थीं, लिहाजा उन्होंने कुछ नया करने की सोची।
उन्होंने बताया, "मुझे रेसिंग कार का शौक है, लिहाजा रेसिंग कार के मॉडल में एक ऐसा वाहन बनाने की सोची जो दूध के डिब्बे भी शहर ले जा सके।"
कार में ई-रिक्शा के सामान का यूज किया
उन्होंने बताया कि इस कार को बनाने में करीब सवा लाख रुपए का खर्चा आया। शिवपूजन ने बताया कि जब अपने भाइयों को अपने इस मॉडल के बारे में बताया तो उन्होंने एक लाख रुपए का इंतजाम कर दिया। बाकी पैसों का जुगाड़ मैने खुद कर लिया। शिवपूजन ने बताया कि इस देसी रेसिंग कार को तैयार करने में तीन महीने का समय लगा। उन्होंने बताया कि इस कार में 48 वोल्ट की चार बैटरी लगाई गई हैं। इसके साथ ही एक किलोवॉट की मोटर को भी फिट किया गया है। इसके अलावा मारुति 800 के स्टेरिंग और पहियों को यूज किया है।
कार में सारा सामान ई-रिक्शा का लगा है। कार का मॉडल खुद बनाया है। उन्होंने बताया कि इस रेसिंग कार से डेढ़ कुंतल दूध रोजाना ढोते हैं। इसके साथ ही यह कार एक बार चार्जिंग में 80 किमी का सफर तय करती है। शिवपूजन ने बताया कि शनिवार को बस्ती के सीडीओ ने भी मुलाकात करके प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
हाइवे पर राेजाना 50 से 60 लोग बनाते हैं वीडियो
शिवपूजन ने बताया कि बचपन से ही इंजीनियर बनने की तमन्ना थी, लेकिन पारिवारिक हालातों के कारण सिर्फ 12वीं तक ही पढ़ाई कर सका। अब लोग इस कार की तारीफ कर रहे हैं तो बहुत खुशी हो रही है।
उन्होंने बताया कि जब इस देसी रेसिंग कार को लेकर हाइवे पर गुजरते हैं तो रोजाना 50 से 60 लोग वीडियो बनाते हैं। यह कार चर्चा का विषय होती है। अब आनंद महिंद्रा के ट्वीट के बाद देश स्तर पर हमारी इस देसी रेसिंग वाहन की तारीफ हो रही है। इसमें तीन से चार दूध के डब्बे भी आसानी से रख जाते हैं।
आनंद महिंद्रा बोले- मैं मिलना चाहता हूं
शिवपूजन ने बताया कि किसी ने उनका वीडियो बनाकर ट्वीट कर दिया। इसे देखकर आनंद महिंद्रा भी प्रभावित हो गए। बीती 29 अप्रैल को आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करके कहा कि मुझे नहीं पता कि उनकी यह कार सड़क के रूल्स और रेगुलेशन मानती है। लेकिन मुझे आशा है कि पहियों के लिए उनका जुनून अनियंत्रित है, जिसे मैने बहुत दिनों बाद देखा है। मैं ऐसे रोड वॉरियर के मिलना चाहता हूं।
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