मासूमियत को किसी भी खतरे का अंदाजा नहीं होता, वह तो बस मासूमियत होती है। लेकिन आज उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक ऐसी घटना घट गई, जिसने रूह को हिला दिया। यहां एक मासूम बच्ची को उसकी मासूमियत ने मौत के मुंह में धकेल दिया। दरअसल, बच्ची की घर के ही ट्रैक्टर की चपेट में आने से मौत हो गई है। जिस घर में बच्ची की किलकारी गूंजा करती थी, वहां आज मातम पसर गया है।
घर के बाहर खेल रही थी मासूम
घटना बस्ती जिले के हरैया तहसील के गांव काकुआं रावत की है। यहां के निवासी पवन कुमार विश्वकर्मा की 2 वर्षीय मासूम बेटी सिद्धि घर के बाहर खेल रही थी। तभी वहां उनका छोटा भाई (बच्ची का चाचा) घर में खड़े ट्रैक्टर को कहीं बाहर ले जाने के लिए स्टार्ट किया। इसके बाद ही ट्रैक्टर स्टार्ट होने पर बच्ची का बालकपन उसकी तरफ आकर्षित हो गया। ट्रैक्टर पर खेलने की लालसा में सिद्धि उधर दौड़ी, लेकिन उसके चाचा ने उसे उठाकर घर में कर आया और ऐसा एक बार नहीं बल्कि दो बार हुआ कि सिद्धि को उसके चाचा ने घर में छोड़ा ताकि वह किसी भी खतरे से दूर रहे। इसके बाद चाचा ने ट्रैक्टर निकालने के लिए बैक किया तो तीसरी बार घर से बाहर निकली सिद्धि ट्रैक्टर की चपेट में आ गई।
गले में आई हल्की खरोंच, लखनऊ में तोड़ा दम
बच्ची सिद्धि ट्रैक्टर की चपेट में आते ही बेसुध हो गई। यह वाकया देख घर में मौजूद लोग हताश रह गए। बच्ची की नब्ज टटाेली गई तो उसके गले में हल्की सी खंराेच दिखी। बेसुध बच्ची को देख सभी के होश उड़ गए। आनन-फानन में बच्ची को इलाज के लिए पहले सामुदायिक फिर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां बच्ची की हालत गंभीर देख चिकित्सक ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज लखनऊ के लिए रेफर कर दिया। लेकिन यहां सिद्धि ने दम तोड़ दिया। सिद्धि की मौत की खबर परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई और पूरे घर में करुण क्रंदन होने लगा।
घर का मामला होने के कारण कोई शिकायत नहीं
वहीं इस घटना को लेकर आस-पड़ोस के लोग भी मायूस नजर आए। 2 वर्षीय मासूम बच्ची सिद्धि की मौत के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। चर्चा है कि मामला घर का होने के कारण कोई परिजन बोलने को तैयार नहीं है। इस मामले में प्रभारी निरीक्षक कप्तानगंज शशांक शेखर राय ने बताया कि मामले की जानकारी पुलिस व नहीं है। परिजनों द्वारा कोई तहरीर नहीं दी गई है। यदि कोई शिकायत पत्र मिलता है तो उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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