बुलंदशहर जिला कोर्ट ने किशोरी का अपहरण कर बलात्कार करने के मामले में आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 36 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। आरोपी ने आठ साल पहले एक किशोरी को बहला-फुसलाकर गाजियाबाद ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया था। आरोपी के खिलाफ शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश/ अतिरिक्त न्यायाधीश तरुण कुमार सिंह ने सजा सुनाई है।
31 मार्च साल 2014 की घटना
विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार शर्मा व धर्मेंद्र सिंह राघव ने बताया कि घटना 31 मार्च 2014 थाना नरोरा की है। पीड़िता की मां ने मुख्य आरोपी विजय सहित तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें पुलिस ने मामले की जांच करने के बाद मुख्य आरोपी विजय के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
आरोपी ने शादी कराने की बात कही थी
उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी विजय पीड़िता को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। इसके बाद पीड़िता की मां ने बेटी को काफी तलाशा, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका था। आरोपी ने पीड़िता को जान से मारने की धमकी देते हुए कहा था कि वह अपनी पुत्री की शादी विजय से करा दे। अन्यथा उसकी पुत्री नहीं मिलेगी। नरौरा पुलिस ने पीड़िता की तहरीर के आधार पर आरोपी विजय के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 366 व पॉस्को की धारा में मुकदमा दर्ज की थी।
8 साल बाद आया फैसला
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना कर आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस व सबूत आदि के आधार पर एडीजे तरुण कुमार की कोर्ट ने आरोपी को मामले में दोष सिद्ध पाते हुए उसे 10 वर्ष कारावास व 36 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
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