बुलंदशहर में किसानों ने अग्रिपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन किया। संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर किसान सभा, भाकियू और मोर्चे में शामिल किसान संगठनों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान अग्निपथ योजना वापस लेने, सेना में पुरानी भर्ती प्रक्रिया जारी रखने, रिक्त पदों पर तुरंत भर्ती करने, सेना का निजीकरण रोकने, अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलनकारी छात्र युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, गिरफ्तार आंदोलनकारियों को रिहा करने की मांगी की
सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के केंद्रीय कमेटी सदस्य डीपी सिंह ने कहा कि, मोदी सरकार ने अग्निपथ योजना लाकर न केवल सेना में जाने की तैयारी कर रहे युवाओं के साथ घात किया है। बल्कि देश की सुरक्षा को भी कमजोर करने का काम किया है। साथ ही सैनिकों की संख्या घटा कर के नाम पर विदेशी कंपनियों के हथियारों की बिक्री के लिए बाजार बना रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना से किसानों मजदूरों के परिवारों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। उनकी आर्थिक स्थिति और भी दयनीय हो जाएगी।
देशभक्ति का जज्बा होगा कम
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अरब सिंह ने कहा कि, 4 साल के लिए संविदा पर सेना में भर्ती नौजवानों में देशभक्ति पैदा नहीं हो सकती। क्योंकि जब उसका भविष्य ही सुरक्षित नहीं होगा तो वह मनरेगा मजदूर की तरह रह जाएगा। इससे सेना की गुणवत्ता प्रभावित होगी। किसान सभा के प्रांतीय संयुक्त सचिव चंद्रपाल सिंह ने कहा कि मोदी सरकार अग्निपथ योजना से सेना के लिए जवान नहीं, बल्कि कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए प्रशिक्षित चौकीदार तैयार करने की कवायद कर रही है।
नारे लगाते कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान
उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती सेना के अग्निवीरों को 4 वर्ष बाद में तो पेंशन मिलेगी,ग्रेच्युटी और अन्य सुविधाएं नहीं मिलेगी। सभा के बाद आंदोलनकारी किसान मजदूर अग्नीपथ योजना के खिलाफ नारे लगाते हुए कलेक्ट्रेट गेट पर पहुंचे और जोरदार प्रदर्शन किया। अध्यक्षता मेघराज सिंह सोलंकी और संचालन बिशन सिंह सिरोही ने किया। सचिव चंद्रपाल सिंह, जिला सचिव जगबीर सिंह भाटी, अनिल कुमार ,दया चंद त्यागी, मूलचंद सिंह,अब्दुल हक, मीर पाल सिंह, जगवीर सिंह, सुरेश चंद आदि रहे।
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