चंदौली के अलीनगर थाना क्षेत्र के सिकटिया तिराहे पर शनिवार सुबह एक युवक की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हत्या की सूचना मिलते ही मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। युवक के परिजन और ग्रामीण शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक डीएम-एसपी नहीं आ जाते तब तक शव को उठने नहीं देंगे।
पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप
बता दें कि सिकटिया चौराहे पर बबलू पासवान की चाय-पान और कमला यादव की मिठाई की गुमटी थी। बबलू और कमला कि बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। आरोप है कि कमला यादव और परिवार के लोगों ने बुधवार रात बबलू पासवान की गुमटी फूंक दी। गुरुवार को दोनों पक्ष अलीनगर थाने पहुंचे। आरोप है कि पुलिस ने लापरवाही बरती और बगैर ठोस कार्रवाई के मामले को रफा-दफा कर दिया।
एक युवक ने भागकर बचाई जान
शुक्रवार की रात कमला यादव की गुमटी में भी आग लगा दी गई, जिसके बाद को सिकटिया और तारनपुर (दुसधान) गांव के लोग आमने-सामने आ गए। शनिवार सुबह तारनपुर दुसधान बस्ती के दो युवक विशाल पासवान (19) और शेरू (20) सिकटिया चौराहे पर पहुंचे तो वहां पहले से ही लाठी-डंडे से लैस ग्रामीण दोनों युवकों पर टूट पड़े। शेरू तो जैसे-तैसे जान बचाकर भाग निकला, लेकिन विशाल की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
डीएम-एसपी को बुलाने की मांग पर अड़े ग्रामीण
जानकारी होते ही दुसधान बस्ती के लोग मौके पर पहुंचे और दोनों तरफ से पत्थरबाजी शुरू हो गई, जो अब तक जारी है। परिजनों और ग्रामीणों ने युवक के शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया है। उनका कहना है कि जब तक डीएम-एसपी नहीं आ जाते तब तक शव को उठने नहीं देंगे। ग्रामीण पुलिस को भी जाने नहीं दे रहे हैं।
पुलिस की लापरवाही से हुआ जातीय संघर्ष
सिकटिया और तारनपुर गांव के बीच हुए संघर्ष के पीछे की कहानी चाहे जो भी हो, लेकिन कटघरे में अलीनगर पुलिस है। विवाद की नींव 3 दिन पहले पड़ गई थी, जब तारनपुर दुसधान बस्ती के बबलू पासवान की गुमटी जला दी गई। मामला थाने पहुंचा, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। विवाद की जिस चिंगारी को बुझाने के बजाय दबाया गया, उसने विकराल आग का रूप ले लिया। इसमें एक युवक की जान चली गई। अब दोनों पक्ष अलीनगर पुलिस पर घटना का ठीकरा फोड़ रहे हैं।
एसपी के सामने थाना प्रभारी की शिकायत
घटना के बाद एसपी अंकुर अग्रवाल मौके पर पहुंचे। तारनपुर दुसधान बस्ती के लोगों ने एसपी के सामने ही अलीनगर थाना प्रभारी संतोष सिंह पर गंभीर आरोप लगाए और पुलिस की लापरवाही को घटना का कारण बताया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस ने पहले दिन मामले को गंभीरता से लिया होता है और कड़ी कार्रवाई की होती तो मनबढ़ कानून-व्यवस्था को हाथ में नहीं लेते। हालांकि एसपी ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है। वहीं घटना की जानकारी पर जिलाधिकारी संजीव सिंह, विधायक साधना सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह मौके पर पहुंच गए हैं।
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