चंदौली जिले के सैयदराजा थानाक्षेत्र के लोकमनपुर रेलवे क्रासिंग के समीप 25 जून को गाजीपुर जिले के जमानिया थानाक्षेत्र के प्रहलादपुर निवासी राम सिंह उर्फ संतोष का सिर कटा शव बरामद हुआ था। इसी मामले में मृतक के पिता रामऔतार सिंह मुकदमा दर्ज कराने के लिए तीन जिलों के थाने के चक्कर काट रहे है। क्योंकि संतोष 24 जून को गांव के उमेश सिंह के साथ वाराणसी के बड़ागांव गया लेकिन बाद में सूचना मिली की वह लापता हो गए। अब जमानिया, बड़ागांव और सैयदराजा पुलिस एक दुसरे के उपर जिम्मेदारी थोपकर मुकदमा लिखने से बच रही है।
आरोपियों का नाम भी बताया लेकिन नहीं हुई कार्रवाई
प्रहलादपुर के रामऔतार सिंह ने आरोप लगाया है कि 24 जून को गांव के उमेश सिंह के साथ संतोष उनकी बहन के गांव सेमरी (बड़ागांव) गया था लेकिन रात में उमेश सिंह ने उनके छोटे बेटे श्याम सिंह को फोन करके बताया कि संतोष मोबाइल और बाइक छोड़कर कहीं चला गया है। सूचना के बाद परिवार के लोग किसी आशंका को लेकर सशंकित हो गए।
परिवार के लोगों ने उनकी काफी खोजबीन की, लेकिन मालूम नहीं चल पाया। 25 जून को किसी परिचित ने फोन करके बताया कि संतोष का शव सैयदराजा थानाक्षेत्र के लोकमनपुर रेलवे क्रासिंग के पास पड़ा है। सूचना पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
आरोपी ने नौकरी के लिये लिया था तीन लाख रुपये
रामऔतार सिंह ने आरोप लगाया कि उमेश सिंह के जीजा अशोक सिंह और उनके बेटे भोलू सिंह ने नौकरी लगवाने के नाम पर तीन लाख रुपये लिए थे। जिसका तगादा करने के लिए उमेश के साथ संतोष बड़ागांव गया था। आरोप लगाया कि उमेश सिंह के बहनोई और भांजे ने साजिश के तहत संतोष की हत्या कर दी है। वहीं साक्ष्य मिटाने के लिए हत्या करके सैयदराजा के समीप शव को फेंक दिया है।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
उन्होंने आरोप लगाया कि बड़ागांव की पुलिस मामले को सैयदराजा में दर्ज कराने बात कर रही है। जबकि सैयदराजा पुलिस मामले को जमानिया में दर्ज कराने का सुझाव दिया। वहीं जमानिया पुलिस आरोपियों के खिलाफ बड़ागांव में मुकदमा दर्ज कराने का सुझाव दे रही है। ऐसे में अब वह सोच रहे हैं कि क्या वह अपने बेटे को न्याय दिला पायेंगे भी या नहीं।
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