चित्रकूट में पूर्व में प्रवाहित होने वाली पवित्र सलिला पयस्वनी पुनर्जीवन यात्रा महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के ऊर्जा एवं पर्यावरण विभाग के प्रो. घनश्याम गुप्ता की अगुआई निकाली गई। यात्रा में विश्वविद्यालय के एमएससी पर्यावरण विज्ञान एवं एमएसडब्ल्यू के छात्र शामिल हुए।
यह यात्रा नदी के उद्गम स्थान ब्रह्म कुण्ड को जल पोषित करने वाले मुख्य सहायक नाला कोठियार नाला के मूल स्थान ग्राम सुरांगी तहसील मझगवां से प्रारंभ हुई। यात्रा के शुरुआत में गांव वालों एवं गांव के विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के साथ यात्रा के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई।
चित्रकूट के बाबतपुर पहुंची यात्रा
प्रोफेसर ने बताया गया कि यह यात्रा जल संरक्षण व संवर्धन के प्रति क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से की जा रही है। ताकि पयस्वनी पुनर्जीवित हो सके। वहां से आगे बढ़कर यात्रा सोमवार को पैदल ही चित्रकूट के बाबूपुर गांव पहुंची। प्रोफेसर गुप्ता ने ग्रामीणों को बताया कि हमें जल संरक्षण पर अधिक ध्यान देना होगा, ताकि पयस्वनी जैसे अन्य जल स्रोत पुनर्जीवित हो सके।
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