चित्रकूट में छात्र की हत्या करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर जिला जज विष्णु कुमार शर्मा ने चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक को 10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्याम सुन्दर मिश्रा ने बताया कि 13 मार्च 2012 को पहाड़ी क्षेत्र के परसौंजा गांव के निवासी इंद्रपाल पुत्र सदलुवा ने कर्वी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को दी गई तहरीर में वादी ने कहा था कि उसका पुत्र रामू कर्वी के ब्रह्मचर्य शिक्षा निकेतन में पढ़ता था। गल्ला मंडी रोड के समीप अहिरनपुरवा में किराए का कमरा लेकर रहने वाला रामू होली के त्योहार पर 6 मार्च 2012 को अपने गांव परसौंजा गया था।
9 मार्च को घर में पड़ा मिला था शव
दूसरे दिन 7 मार्च को अहिरनपुरवा निवासी राजा पुत्र राजकुमार ने उसके लड़के रामू को बुलाया था। इसके बाद रामू कर्वी में अपने कमरे आ गया था। यहां से दो दिन बाद 9 मार्च को सबेरे लगभग 9 बजे फोन द्वारा रामू की हत्या होने की सूचना दी गई, जिस पर परिजन कर्वी आए। जहां रामू का शव कमरे में पड़ा मिला।
मृत के जेब से मिला था नोट
पुलिस को मृतक की जेब से पांच सौ रुपए और एक कागज का टुकड़़ा बरामद हुआ था। इसमें चार आरोपी राजा पुत्र राजकुमार, कैलाश पुत्र सहादेव, कंधी पुत्र मंगलिया, नेता उर्फ रामबहोरी पुत्र कामता निवासी अहिरनपुरवा कर्वी के नाम लिखे हुए थे। मृतक के पिता के अनुसार आरोपियों ने उसके बेटे से पैसे उधार लिए थे। इस कारण उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
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