चित्रकूट के उप कृषि निदेशक बालगोविंद यादव के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर कर्वी कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है । उपकृषि निदेशक पर भूमि संरक्षण अधिकारी रहते किसानों के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था। पीड़ित किसानों ने उस समय भी पुलिस को सूचना दी थी लेकिन पुलिस ने मामले में रुचि न लेने पर पीड़ित किसानों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। जहां 4 मई को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विशेष अदालत ने कर्वी कोतवाली पुलिस को आदेश देते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
कार्यालय में बुलाकर पहले धमकाया फिर मारा
पीड़ित किसान तुलसीराम के मुताबिक खेत तालाब योजना के तहत भूमि संरक्षण विभाग से तालाब मिला था। जिसकी पहली किस्त तो प्राप्त हो गई। लेकिन विभाग ने 30 हजार रुपए पहली किस्त में रिश्वत की मांगी। जिसको देने से पीड़ित किसान ने मना कर दिया । इस बात की शिकायत भी पीड़ित किसान द्वारा डीएम चित्रकूट से की गई। जहां सुनवाई न होने पर न्यायालय से नोटिस भी भेजवाई गई। इसी बात से नाराज उप कृषि निदेशक बालगोविंद यादव ने अपने कर्मचारियों के माध्यम से पीड़ित किसान को बीते 30 मार्च को धुस मैदान कर्वी में अपने कार्यालय में बुलाकर जान से मारने की धमकी दी और भद्दी भद्दी गालियां दी।
मजबूर होकर कोर्ट पहुंचा किसान
जब विरोध किया तो लात घुसों से जमकर पिटाई कर दी। जिससे पीड़ित को कई चोटें आईं। पीड़ित ने इस बात की शिकायत कर्वी कोतवाली में की थी। जब सुनवाई नही हुई तो एसपी को भी पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की थी लेकिन जब वहां भी सुनवाई नहीं हुई। तो मजबूर होकर न्यायालय की शरण मे जाना पड़ा। जहां से आदेश होने के बाद केस तो दर्ज कर लिया गया लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं की गई है।
एसपी बोले- मामले में तथ्य सामने आने पर करेंगे कार्रवाई
एसपी अतुल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मुकदमा कोर्ट के आदेश पर लिखा गया है। उपकृषि निदेशक बालगोविंद यादव ने अपने कार्यालय में किसान के साथ अभद्रता की थी और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया था। मामले की जांच की जा रही है। तथ्य सामने आने पर उचित कार्यवाही की जाएगी।
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