देवरिया में गुड़ उत्पादकों के बड़ी खुशखबरी है। अब वे कम समय में न केवल गुड़ तैयार कर सकेंगे बल्कि, लागत भी कम होगी। यह संभव हो सकेगा भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ की तकनीकी से। कृषि विज्ञान केंद्र मल्हना में अत्याधुनिक गुड़ की फैक्ट्री है। इसमें कम समय में न केवल गन्ने की पेराई होगी बल्कि, गुड़ तैयार करने के परंपरागत तरीके से लगने वाले समय से कम समय में गुड़ तैयार हो जाएगा।
भेली के बजाय मनचाहे शेप में तैयार कर सकेंगे गुड़
कृषि विज्ञान केन्द्र मल्हना के प्रभारी डॉ रजनीश श्रीवास्तव कहा, "इस व्यवस्था से किसान परम्परागत भेली बनाने के बजाय अलग-अलग सांचे से गुड़ के अलग-अलग शेप तैयार कर सकते हैं।
कृषि मंत्री के रूचि से जिले में स्थापित हुआ गुड़ इकाई
30 लाख रुपए की लागत से तैयार अत्याधुनिक गुड़ इकाई की स्थापना प्रदेश के चुनिंदा जिलों में हुई है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के प्रयासों से यह यूनिट कृषि विज्ञान केंद्र मल्हना में स्थापित हुई है।
कैसे काम करेगी गुड़ इकाई
कृषि विज्ञान केन्द्र के फार्म मैनेजर अजय तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत स्थापित इस गुड़ इकाई में एक घंटे में 10 क्विंटल गन्ने की पेराई हो सकेगी। इससे किसानों का समय बचेगा और उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी।
ड्राई फ्रूट्स डालकर तैयार कर सकते हैं गुड़
अजय तिवारी कहते हैं कि सरकार का उद्देश्य है कि किसान को प्रोडक्ट का अधिकाधिक मूल्य मिले। इस गुड़ इकाई में गुड़ तैयार करने के अलग अलग सांचे हैं, जिसकी सहायता से किसान बाजार के मांग के मुताबिक गुड़ में ड्राई फ्रूट्स आदि डालकर भी गुड़ तैयार कर सकते हैं। इसकी बाजार में अच्छी डिमांड है। इससे किसानों की आय में कई गुना वृद्धि हो सकती है।
किसानों के लिए वरदान साबित होगी गुड़ यूनिट
कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक आरपी साहू ने बताया कि किसानों की आय के लिहाज से यह यूनिट वरदान साबित होगी।
बाजार में सामान्य भेली वाला गुड़ अधिकतम 30-40 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है। शहरों में बेहतर पैकेजिंग और गुड़ में अन्य चीजें मिलाकर महंगे कीमत पर मिलता है। ड्राइ फ्रूट्स और अदरक आदि मिलाकर तैयार गुड़ की शहरों में बहुत मांग है। ऐसे में किसान इस विधा को अपनाकर अपनी आय में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं।
भेली की अपेक्षा ज्यादा टिकाऊ
प्रभारी और कृषि वैज्ञानिक डॉ. रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि इस यूनिट से तैयार गुड़ पारंपरिक तरीके से तैयार गुड़ की अपेक्षा ज्यादा दिनों तक टिकाऊ होता है। भेली का स्टोरेज ज्यादा समय तक करने से उसके उपरी परत में भुरभुरापन आ जाता है। इस विधा से तैयार गुड़ अधिक दिनों तक भंडारण लायक होता है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.