उत्तर प्रदेश के एटा में कोविड वैक्सीन लगवाने गए अविवाहित युवक की धोखे से नसबंदी कर दी। मामला विश्व जनसंख्या दिवस के दिन का है। एक ओर जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विश्व जनसंख्या दिवस पर जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का मसौदा पेश कर रहे थे, उसी दिन जिले में आयोजित जनसंख्या पखवाड़े के दिन युवक की नसबंदी कर दी गई। यह मामला परिजनों के पुलिस में तहरीर देने के बाद अब सामने आया है। घटना के चौथे दिन पीड़ित युवक के भाई ने अवागढ़ थाने में आरोपी आशा कार्यकत्री के खिलाफ केस दर्ज करने की तहरीर दी है।
भाई ने दी पुलिस में तहरीर
मामला विशनपुर गांव का है। जहां 11 जुलाई को ध्रुव कुमार कोविड का टीका लगवाने वैक्सीनेशन सेंटर गए थे। पीड़ित का आरोप है कि, सेंटर जाने के रास्ते में उसको नीलम नाम की एक आशा कार्यकत्री मिल गई। जो उसको टीका लगवाने के बहाने जिला महिला अस्पताल ले आई और धोखे से उसकी नसबंदी करवा दी। ध्रुव के बड़े भाई अशोक कुमार ने थाना प्रभारी अवागढ़ को दिए अपने प्रार्थना पत्र में अशोक ने आरोपी आशा कार्यकत्री और नसबंदी करने वालों पर कार्यवाही की मांग की है।
थाना अध्यक्ष ने सीएमओ से जांच कराने को लिखा पत्र
तहरीर मिलने के बाद थाना अध्यक्ष ने सीएमओ डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने की मांग की। पत्र मिलने के बाद सीएमओ ने तीन सदस्यों की एक जांच टीम गठित की। टीम में एसीएमओ डॉ. सुधीर कुमार, डीपीएम आरिफ और डीसीपीएम जुबैर खान शामिल थे। टीम के सदस्यों ने मामले की जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी। रिपोर्ट में आशा कार्यकत्री को निर्दोष बताया गया। साथ ही ध्रुव, उसके भाई और भाभी की सहमित से नसबंदी की बात कही गई।
वैक्सीन लगवाने का कहकर करा दी नसबंदी
वहीं दूसरी ओर ध्रुव ककी भाभी मिथिलेश का कहना है कि, कोरोना वैक्सीन लगवाने की बात कहकर आशा कार्यकत्री अपने साथ ले गई थी। फिर देवर की नसबंदी करवा दी। इसलिए वो पति के साथ एफआईआर दर्ज कराने थाने आईं हैं।
भाभी ने बताया 3 बच्चों का पिता है ध्रुव
पूरे मामले में आशा कार्यकत्री नीलम कुमारी ने बताया कि ध्रव की भाभी और भाई की मर्जी पर ही नसबंदी की गई थी। भाभी ने बताया था कि ध्रुव की शादी हो चुकी है और वो 3 बच्चों का पिता है। पत्नी कहां है पूछने पर भाभी ने कहा कि, झगड़ा होने पर पत्नी छोकर चली गई है। नीलम ने ये भी बताया कि, बसुंधरा का रहने वाला संजू एक दलाल है, उसने ही इन लोगों को रुपए का लालच देकर मुझे झूठे आरोप में फंसाने को कहा था। संजू ने ध्रुव के परिजनों से मुझे फंसाकर 3 लाख रुपए ऐंठने की बात कही थी। 11 जुलाई को ही रात 9.30 पर दलाल संजू उसके घर आया था और 20 हजार रुपए में मामला रफा दफा कराने की बात की थी। साथ ही रुपए न देने पर उसने जेल भिजवाने की धमकी भी दी थी।
सीएमओ बोले-काउंसलिंग के बिना नसबंदी नहीं
सीएमओ डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि विश्व जनसंख्या पखवाड़ा के दौरान ये आशा कार्यकत्री ध्रुब कुमार के परिवार के संपर्क में आई थी। 11 जुलाई को परिवार की सहमति से ही ध्रुब कुमार की नसबंदी करवाई गई थी। धोखे से नसबंदी करवाने का आरोप बेगुनियाद है क्योंकि, नसबंदी से पहले काउंसिलिंग होती है, बातचीत होती है। उन्होंने कहा कि जांच टीम पीड़ित से मिलने उसके गांव विशनपुर भी गई थी। जहां परिजनों ने ध्रुव को टीम से मिलने नहीं दिया। इसके अलावा ध्रुव के दिव्यांग होने का झूठ बोलकर गुमराह किया। मामले की जांच अभी चल रही है।
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