एटा में बिजली कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार:ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को लागू कराने की मांग, कहा- कल से 72 घंटे की हड़ताल

एटा3 महीने पहले
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ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को लागू कराने के लिए एटा में बिजली कर्मियों ने कार्य बहिष्कार किया। कर्मियों का कहना है कि 16 मार्च की रात्रि 10 बजे से 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल शुरू हो जाएगी। साथ ही देश-भर में यूपी के बिजली कर्मियों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों, अभियन्ताओं और निविदा संविदा कर्मियों ने कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर दिया। कार्य बहिष्कार आन्दोलन में लगभग 1 लाख बिजली कर्मी सम्मिलित हैं।

बिजली कर्मचारियों एवं अभियन्ता की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोऑर्डिनेट कमेटी ऑफ इलैक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स एनसीसीओईईई ने उप्र के बिजली कर्मियों के आन्दोलन के समर्थन में राष्ट्र व्यापी विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। एनसीसीओईईई के आह्वान पर 16 मार्च को देश के सभी प्रान्तों के सभी जनपद एवं परियोजनाओं पर लगभग 27 लाख बिजली कर्मी सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेगें। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी के राष्ट्रीय संयोजक प्रशांत चौधरी, ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल पी. रत्नाकर राव, सीटू के सुभाष लांबा और कई अन्य राष्ट्रीय नेता 16 मार्च को सुबह लखनऊ पहुंच रहे हैं। लखनऊ में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी के राष्ट्रीय नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगें और बिजली कर्मचारियों की सभा को संबोधित करेगें।

बिजली कर्मियों ने कार्य बहिष्कार किया।
बिजली कर्मियों ने कार्य बहिष्कार किया।

बिजली कर्मियों का पुलिस उत्पीड़न
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि 16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल होगी। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्ध की हठवादिता के चलते बिजली कर्मियों पर हड़ताल थोपी जा रही है। उन्होंने कहा कि 3 दिसम्बर 2022 को हुए समझौते में ऊर्जा मंत्री की ओर से 15 दिन का समय मांगा गया था। अब 112 दिन व्यतीत हो गये हैं और समझौते के प्रमुख बिन्दुओं के क्रियान्वयन की दिशा में कुछ भी कदम नहीं उठाया जा रहा है। ओबरा, अनपरा की 800-800 मेगा वाट की नई इकाईयां को उत्पादन निगम से छीन कर एनटीपीसी को दिये जाने, पारेषण के निजीकरण को रोकने व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान किये जाने के उल्टे शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे बिजली कर्मियों को पुलिस उत्पीड़न की धमकी दी जा रही है।

ये लोग रहे मौजूद
जवाहरपुर परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय पर कार्य बहिष्कार कर विरोध सभा का आयोजन किया गया। जिसमें चंद्रभानु सिंह, लालाराम पुरी, आशीष शर्मा, राजू सिंह ,प्रमोद कुमार, दुर्ग पाल सिंह, राम शकल सिंह, मुकुल गुप्ता, श्याम सुंदर सिंह, नरेश कश्यप,नीरज धीमान, योगेश कुमार, दुष्यंत कुमार राजेश कुमार मिश्रा, भरतसिंह, सत्येन्द्र कुमार, शमशेर सिंह, नितिन खरे, मोहम्मद अकबर नासिर खान, दीपक चौधरी, अमित यादव ,सुनील कुमार, शमशेर सिंह, अमित सिंह, अनुराग शर्मा, धीरेन्द्र प्रताप सिंह, अनुराग शर्मा, सुनील कुमार, महेंद्र प्रताप सिंह, हरेंद्र सिंह, मांगेराम, उमेशचन्द्र शर्मा, राधेश्याम यादव, प्रेमशंकर पाठक, समिती,स्नेहा पटेल,सविता सहित इंजीनियर एवं स्टाफ भारी संख्या में सदस्य उपस्थित रहे।