इटावा के छोटे से कस्बे लखना के रहने वाले केशव सिंह की संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में 491वीं रैंक आई है। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान केशन ने बताया कि इंटरव्यू में डायवर्ट कर सवाल पूछे जाते हैं। उन्होंने सारे जवाब किताबी नहीं, बल्कि जो हकीकत में कर सकते हैं, वैसे दिए। उनसे करीब 32 सवाल पूछे गए थे जिसमें 26 का उन्होंने सही जवाब दिया। उन्होंने बताया कि इंटरव्यू में सोसाइटी, क्वालिटी, भारत की विदेश नीति, प्रशासन और भारत-चीन के बीच गलवान में जो चल रहा है, के बारे में पूछा गया।
केशव कहते हैं कि यूपीएसी की तैयारी की शुरुआत सिलेबस से की। कोचिंग में एडमिशन लिया, जहां से मुझे बेसिक स्ट्रेजी पता चली। फिर घर पर ही रहकर पढ़ाई शुरू कर दी। बेसिक बुक चुनी और बुक की लिस्ट तैयार की। मैंने सोच लिया था कि मैं इधर- उधर नहीं भटकूंगा। मैने कई बार रिवीजन किया और उसके बाद टेक्स्ट सीरीज पर बहुत ध्यान दिया।
एग्जाम देने की कंडीशन में प्रैक्टिस की, जिससे मैं एग्जाम में उसी पैटर्न पर कर सकूं। केशव का मानना है कि बड़ों के आशीर्वाद और परिश्रम के बल पर यह कामयाबी आज उन्हें मिली है। केशव सफलता के बाद परिजनों के साथ ही कस्बे के लोगों ने भी घर पहुंच कर उन्हें बधाई दी है।
आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी
शव ने बताया कि सफलता के पीछे धैर्य और हार्ड वर्क की सबसे बड़ी भूमिका होती है। पढ़ाई में पिता अजय कुमार और माता गौरी रानी का पूरा सहयोग मिला। साथ ही भाई कुमार कृष्णा जोकि भारतीय सीमा शुल्क मुंबई में सुपरिटेंडेंट हैं, उन्होंने भी पढ़ाई में उनका पूरा साथ दिया। केशव ने बताया कि उनके पिता की सराफे की छोटी सी दुकान है। जिसकी वजह से उन्हें बाहर पढ़ाई करने में आर्थिक तंगी से जूझना पड़ता था।
परिवार ने घर खर्च को कम कर हम भाइयों और बहन को अच्छी शिक्षा देने के हमेशा प्रयास किए। 2015 में भाई की मुंम्बई कस्टम विभाग में नौकरी लगी जिसके बाद पढ़ाई के लिए पैसे की परेशानी कुछ कम हुई। इसके बाद मेरी में नौकरी लगने वाली है।
इंटर में कॉलेज टॉप किया था
केशव के पिता पेशे से सर्राफ हैं। उन्होंने प्राथमिक स्तर की पढ़ाई लखना कस्बे में करने के बाद जनता विद्यालय बकेवर से इंटर की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। दिल्ली के हंसराज कॉलेज से स्नातक किया और सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए थे। ग्रेजुएशन में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स थे। सिविल सर्विसेज के लिए सोसियोलॉजी वैकल्पिक विषय चुना। अपने सारे अटेम्प्ट इसी सब्जेक्ट के साथ दिए। 2011 में केशव ने हाईस्कूल में जनपद में टॉप टेन में जगह बनाई थी। वहीं बकेवर कस्बे जनता इंटर कालेज में कॉलेज टॉप किया था।
इंटरव्यू में पूछे गए कुछ सवाल
सवाल: प्रेक्टिकली बताएं, कास्ट इक्वालिटी क्यों खत्म नहीं हो पाई है ?
जवाब: स्कूल के समय बच्चों को ऐसी शिक्षा दें जिससे बच्चे का एटीट्यूड ऐसे डेवलप हो, जिससे भारतीय की पहचान बने न कि कास्ट की पहचान बने।
सवाल: करप्शन कैसे खत्म हो, प्रेक्टीकली बताएं ?
जवाब: जो ईमानदार छवि के अधिकारी हैं, उनको प्रोमोट किया जाए। जिससे एक रोल मॉडल बन सकें, हम जैसे बच्चों के लिए। मै अकेला पूरा सिस्टम को सही करने का दावा नहीं कर सकता, लेकिन अगर मैं किसी पोस्ट पर हूं, जो मेरा कार्य क्षेत्र है, मैं उसमें कोशिश करूंगा कि करप्शन नहीं हो पाए।
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