उत्तर प्रदेश के इटावा में एक गर्भवती महिला की अस्पताल में मौत का मामला सामने आया है। दरअसल, उसे प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के नाम ुपर उनसे मोटी रकम जमा करवा ली गई और उन्हें अस्पताल से बाहर कर दिया गया। अंदर महिला को उचित इलाज नहीं दिया गया। बाद में उसे हॉस्पिटल के बाहर रख दिया गया और इलाज के लिए कहीं और ले जाने की सलाह दी गई। जब महिला के मृत होने का पता परिजनों को चला तो उन लोगों ने उसका विरोध किया। जिस पर अस्पताल कर्मचारियों ने उनसे मारपीट की जिसमें परिवार के दो सदस्य घायल हो गए।
मृतका के परिजनों को दी जान से मारने की धमकी
सिविल लाइन क्षेत्र के स्टेशन बजरिया स्थित रघुकुल हॉस्पिटल की यह घटना है। जहां सोमवार की शाम एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती करवाया गया था। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिवार से मोटी रकम जमा करवाई और महिला के ऑपरेशन की बात कहकर घरवालों को अस्पताल के बाहर रहने को कहा। भीतर महिला को डॉक्टरों ने सही इलाज नहीं दिया जिससे उसकी मौत हो गई। अस्पताल कर्मचारियों ने महिला के मृत होने की खबर परिजनों को नहीं दी। बल्कि बुलाकर कहा कि इन्हें किसी दूसरे अस्पताल में ले जाए। कुछ देर बाद घरवालों को प्रसूता की मौत का पता चला। जिसके बाद उन लोगों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। तो अस्पताल कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट करते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इस मारपीट में पीड़ित परिवार के दो सदस्यों को गंभीर चोटें आई।
पुलिस ने पीड़ितो की पीटा
अस्पताल कर्मचारियों की गुंडागर्दी से नाराज परिजनों ने मृतका के शव को अस्पताल के बाहर रख प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने उनकी पीड़ा सुनने के बजाय अस्पताल के अंदर मौजूद घरवालों को हॉस्पिटल से बाहर निकालकर लाई और उनके साथ मारपीट करते हुए उनको थाने ले गई। पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हालांकि, पुलिस को देखकर अस्पताल संचालक समेत कर्मी अस्पताल छोड़कर मौके से भाग निकले। वहीं दो अन्य अस्पताल कर्मियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस ने बताया कि रघुकुल हॉस्पिटल में महिला की मौत का मामला सामने आया है। महिला के परिजनों ने हंगामा किया है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।
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