इटावा में कालीबाड़ी आश्रम के महंत शिवानंद महाराज के ब्रहृलीन होने के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर उपजे विवाद को सुलझाने के लिए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल सामने आए हैं। विहिप और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने 17 मार्च को मंदिर परिसर में भक्तों के सहयोग से भंडारा कराने का निर्णय लिया है। भंडारे के दौरान सुरक्षा बनाये रखने के लिए डीएम और एसएसपी को पत्र सौंपा है।
विहिप के जिला मंत्री रणवीर चौहान ने मंदिर परिसर में पत्रकारों से वार्ता करते बताया कि विहिप का उद्देश्य मठ--मंदिर और साधु संतों की सुरक्षा है। यदि किसी मंदिर पर कोई विवाद होता है तो विहिप का मकसद वहां के विवाद को सुलझाने का है। जिससे पूजा पाठ का काम बाधित न हो। उन्होंने कहा कि विहिप सच्चाई के साथ है। कुछ लोग मंदिर के बारे में अपने अपने दावे कर रहे है, वे तर्क संगत नहीं है। ऐसे लोगों का मंदिर से दूर--दूर तक कोई वास्ता नहीं रहा।
वे लोग सिर्फ भ्रामक प्रचार फैला रहे हैं। दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर जब तक कोई एक पक्ष महंत के पद पर सुशोभित नहीं हो जाता, तब तक प्रशासन चाहे तो किसी अधिकारी को रिसीवर भी नियुक्त कर सकता है। उनका प्रयास है कि महंत के पद पर जो भी व्यक्ति सुशोभित हो, वह सभी को स्वीकार्य होना चाहिए।
इस मौके पर जीव रक्षा गौशाला के महंत शंभूनाथ महाराज, विहिप जिलाध्यक्ष देवर्षि द्विवेदी, उपाध्यक्ष डा आरबी भदौरिया, बजरंग दल के जिला संयोजक कुश त्रिपाठी, मंदिर पूजारी राम मिलन तिवारी और ओम जी दीक्षित मौजूद रहे।
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