विश्व होम्योपैथी दिवस:फर्रुखाबाद की डॉ. रहेजा बोलीं- होम्योपैथी से जटिल रोगों को इलाज संभव, 19 अस्पतालों में प्रतिदिन आते हैं 800 मरीज

फर्रुखाबादएक वर्ष पहले
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होम्योपैथी पद्धति जहां कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है, वहीं इसकी दवाओं की लागत भी बहुत अधिक नहीं होती है। आजकल कई जटिल बीमारियों से पीड़ित मरीजों का होम्योपैथी से इलाज किया जा रहा है। होम्योपैथी से जटिल से जटिल रोग को जड़ से मिटाया जा सकता है। यह कहना है जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुमन रहेजा का।

डॉ. रहेजा ने बताय, जिले में 19 जगह जिनमें शहरी क्षेत्र में डॉ. राममनोहर लोहिया चिकित्सालय, सिविल अस्पताल लिंजीगंज, रामानंद बालिका इंटर कॉलेज, आजाद भवन नुनहाई, ग्रामीण क्षेत्र में सीएचसी कायमगंज, रसीदाबाद तिवारियान, सलेमपुर, बहोरिकपुर, बुढनामऊ, दरौरा, खुदागंज, पुठरी, बछलैया, शुकुल्लापुर, मंझना, नौली, कड़हर, भटासा और किराचिन में होम्योपैथी चिकित्सालय खुले हुए हैं।

इन सभी स्थानों पर प्रतिदिन लगभग नए पुराने-मरीजों को मिलाकर 800 से 850 लोगों का इलाज किया जाता है। डॉ. रहेजा ने बताया, सोमवार 11 अप्रैल को सभी चिकित्सालयों में लोगों को इस चिकित्सीय पद्धति के बारे में जागरूक किया जाएगा।

लोगों का बढ़ा विश्ववास
डॉ. रहेजा ने बताया, आज लोगों में इस पद्धति के प्रति विश्सनीयता बढ़ी है। लोग एलोपैथी को छोड़कर होम्योपैथी को अपना रहे हैं। कोराना काल में होम्योपैथी के चिकित्सकों की टीम ने मरीजों को परामर्श और उपचार दिया, जिसके बेहतरीन परिणाम सामने आये।

उन्होंने बताया, इस दौरान जहां होम आइसोलेट हुए मरीजों ने होम्योपैथी चिकित्सा में रुचि दिखाई, वहीं बड़ी संख्या में पोस्ट कोविड मरीजों ने भी उपचार लिया। इन दिनों सांस फूलना, थकावट, कमजोरी, शरीर दर्द और सूखी खांसी की समस्या मरीजों में सबसे ज्यादा आई। लक्षण के आधार पर दिए गए होम्योपैथिक उपचार के सार्थक परिणाम सामने आए हैं।

पथरी तक के आ रहे मरीज
सिविल अस्पताल लिंजीगंज के होम्योपैथी विभाग में तैनात डॉ. रुचि शुक्ला बताती हैं कि मेरे पास प्रतिदिन लगभग 100 से 150 मरीज दवा लेने आते हैं। जिनमें से कुछ बुखार, जुखाम के तो कुछ माइग्रेन, घुटनों में सूजन, गुर्दे में पथरी, चर्म रोग और अन्य बीमारियों से ग्रसित होते हैं।

जानें क्या बोले मरीज
खटकपुरा इज्जत खां की रहने वालीं अंजुम कहती हैं कि मेरे काफी समय से माइग्रेन का दर्द रहता था। काफी इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जब मैंने सिविल अस्पताल लिंजीगंज में अपना इलाज कराया तो मैं अब स्वस्थ हूं। मेरी बहन आफरीन के सारे शरीर में चकत्ते हो गए थे। उसका भी इलाज कराया, वह भी अब ठीक है। मैं यही कहना चाहती हूं कि लोग होम्योपैथी से भी अपना इलाज कराएं।

कछियाना की रहने वाली कंचन ने बताया, मेरे बाएं घुटने में सूजन होने के कारण काफी दर्द रहता था। जब मैंने सिविल अस्पताल लिंजीगंज में बने होम्योपैथी विभाग की डॉ. रूचि शुक्ला को दिखाया तो उन्होंने मेरा इलाज किया। मैं ठीक हो गई। अब मुझे अगर बुखार भी आता है तो अस्पताल जाकर दवा ले आती हूं और स्वस्थ हो जाती हूं।

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