मंकी पॉक्स के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिले में इससे निपटने की तैयारियां तेज हो गई है। बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल अस्पताल लिंजीगंज और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्साधिकारियों और लैब टेक्नीशियन को प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनींद्र कुमार ने बताया कि जिले के सभी सरकारी और निजी चिकित्सालयों की ओपीडी में आने वाले मरीजों की गहनता से जांच करने के निर्देश दिए हैं। कहा कि मंकीपाक्स एक आर्थोपाक्स वायरस है। जो चेचक के समान होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में घाव,शरीर से निकलने वाले पदार्थ,खांसने- छींकने से मुंह से निकलने वाली बूंदों, बिस्तर व कपड़े को साझा करने व संक्रमित व्यक्ति से संबंध बनाने व छूने से फैलता है।
लोहिया अस्पताल में तीस बेड का बना वार्ड
सीएमओ ने बताया कि जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल अस्पताल लिंजीगंज में 10- 10 बेड के और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में 30 बेड का वार्ड मंकी पॉक्स से निपटने के लिए आरक्षित कर लिए गए हैं। जहां संदिग्ध मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जाएगा।
दो से चार सप्ताह रहता संक्रमण
नोडल अधिकारी डॉ यू सी वर्मा ने बताया कि मंकीपाक्स एक से दूसरे में फैलने वाली संक्रामक बीमारी है। इसका संक्रमण दो-चार सप्ताह तक रहता है। मंकीपाक्स से संक्रमित व्यक्ति को बुखार के साथ-साथ मांसपेशियों,बदन व सरदर्द, थकान,व लिप्स नोड्स में सूजन आ जाती है। इसके साथ ही चेहरे पर लाल रंग के दाने निकलते या शरीर में छाले निकलने लगते हैं।जो धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलने लगते है। अगर किसी में इस तरह की परेशानी हो तो घबराएं नहीं बल्कि तुरंत अस्पताल जाकर बचाव व इलाज पर ध्यान दें।
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