हथगांव थाने के छिवलहा में आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत अकबरपुर चोराई राजकीय विद्यालय में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती मनाई गई। प्रधानाचार्य संग शिक्षकों, छात्र छात्राओं ने गुरुदेव के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्य अर्पित किए।
सामूहिक राष्ट्रगान गाया गया और गुरुदेव को नमन करते हुए श्रद्धांजली अर्पित की गई छात्र-छात्राओं को महापुरुषों के विषय पर विस्तृत चर्चा की गई और उनके पद चिन्हों पर चलने के लिए छात्र छात्राओं को प्रेरित किया गया।
जहां देश के लिए बलिदान हुए इन वीर सपूतों को याद कर और उनकी पुण्यतिथि मनाते हुए छात्र छात्राओं को पहले ही दिशा निर्देश दिए जा चुके थे जिस पर आज विद्यालय में सभी छात्र छात्राएं समय से पहुंचे वहीं छात्र छात्राओं ने संस्कृतिक कार्यक्रम कर रवींद्रनाथ टैगोर के पद चिन्हों पर चलने की प्रेरणा दी गई। प्रधानाचार्य प्रमोद द्विवेदी ने छात्रों को बताया कि आजादी की लड़ाई के दौरान गुरुदेव ने अपनी लेखनी से लोगों के दिलों में क्रांति की अलख जगाई थी।
उन्होंने जलियावाला बाग हत्याकांड का विरोध जताते हुए नाइट हुड की उपाधि को वापस कर दिया था। वह एशिया के पहले साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता रहे है। शिक्षक आवास कुमार ने बताया कि उनके द्वारा रचित "जन गण मन" जन जन की धड़कन बन गई है और गुरुदेव का कहना था कि "शिक्षा से ही देश स्वाधीन होगा संग्राम से नहीं।
आज के दिन ही स्वतंत्रता आंदोलन में बलिदान हुए क्रांतिवीर अल्लुरी सीताराम राजू को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। और उनके विषय में विस्तृत जानकारी छात्र छात्राओं को दी गई।
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