सीवर सफाई व्यवस्था के नाम पर शहर का जल निगम 'नौ दिन चले अढ़ाई कोस' के रास्ते पर चल रहा है। यहां 9 महीने में विभाग अभी तक करीब 13.50 किलोमीटर सीवर की ही सफाई कर सका है, जबकि शहर में 21 किलोमीटर तक सीवर लाइन की सफाई होनी है।
156 किलोमीटर बिछी है सीवर लाइन
यूआईडीएसएसटी योजना के तहत जल निगम द्वारा करोड़ों का बजट खर्च कर पूरे शहर में 156 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई गई, लेकिन सोफीपुर स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) न बनने के कारण कई क्षेत्रों में सीवर लाइनें चोक हो गईं। धनाभाव के चलते लंबे समय तक एसटीपी प्रोजेक्ट अधर में लटका रहा। शासन से किश्तों में बजट मिलने के साथ एसटीपी प्लांट का कार्य पूरा हो सका।
चोक होने के कारण नहीं हो पाया कार्य
इधर, शहर में एक दर्जन से अधिक क्षेत्रों में जगह-जगह सीवर लाइन चोक होने के कारण एसटीपी प्लांट पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहा है। जल निगम द्वारा अमृत योजना के तहत सीवर लाइन की सफाई काे 42 करोड़ की कार्य योजना बनाई गई, जिसे शासन से साल भर पहले हरी झंडी मिली। करोड़ों का बजट मिलने के बाद जल निगम द्वारा अगस्त-2021 से सीवर लाइन सफाई कार्य शुरू कराया गया। कर्मचारियों द्वारा कछुआ गति से कार्य कराया जा रहा है। यही कारण है कि 9 माह में 13.50 किमी लाइन ही साफ हो सकी है।
घरों में बनाए गए हैं सीवर कनेक्टिंग चेंबर
अधिशासी अभियंता जल निगम अस्थाई डिवीजन सीएस सोलंकी का कहना है कि अमृत योजना के तहत सुहाग नगर सहित विभिन्न क्षेत्रों में 12,657 घरों में सीवर कनेक्टिंग चैंबर बनाए जाने का कार्य कराया जा रहा है। जल निगम अधिकारियों का कहना है कि शहर में अब तक 4 हजार से अधिक सीवर कनेक्टिंग चैंबर बनाने कार्य पूरा हो चुका है। वहीं विभिन्न क्षेत्रों में टूटे व क्षतिग्रस्त मैनहोल कवर भी बदले जा रहे हैं।
प्रोजेक्ट पर एक नजर
जल निगम द्वारा अमृत योजना के तहत कराई जा रही सीवर की सफाई
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