फिरोजाबाद में आग की घटनाओं में फायर ब्रिगेड विभाग का सहारा बनने के लिए 200 सुरक्षा मित्र तैनात किए जाएंगे। सुरक्षा मित्र विभाग को घटनाओं की सूचना देने के साथ ही जनता के साथ मिलकर आग बुझाने के प्रयास में भी जुटेंगे। इसके लिए विभाग द्वारा उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। संसाधन और मैन पावर की कमी के चलते अग्निशमन विभाग संकट से जूझ रहा है।
100 दिन की कार्ययोजना में शामिल
आग लगने की घटनाओं की कई बार फायर ब्रिगेड विभाग को समय से सूचना नहीं मिल पाती। जब तक दमकल की गाड़ियां पहुंचती हैं, जब तक सब कुछ जल जाता है। प्रदेश सरकार ने अग्निशमन सेवा-100 दिनाें की कार्ययोजना के तहत अग्निशमन सुरक्षा मित्र (अग्निशमन स्वयं सेवी सचेतक) बनाने के आदेश दिए हैं। अग्निशमन अधिकारी दुर्गेश कुमार ने बताया, जिले में 200 सुरक्षा मित्र बनाए जाएंगे। इन सभी को आग बुझाने के बारे में विभाग द्वारा प्रशिक्षित कर पंजीकृत किया जाएगा।
हर क्षेत्र में मदद करेंगे
इन लोगों की जिम्मेदारी अग्नि निरोधक प्रचार प्रसार करने, आग लगने की सूचना अग्नि शमन विभाग को देने और आग लगने की घटनाओं की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों की मदद से बुझाने के प्रयास करने की होगी। प्रशिक्षण दिए जाने की शुरुआत जल्द की जाएगी। अग्निशमन अधिकारी ने बताया, सभी अग्निशमन सुरक्षा मित्रों के मोबाइल नंबर विभाग के पास रहेंगे, ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी मदद ली जा सके।
बढ़ गई आबादी, घट गए संसाधन
वर्ष 2011 में जिले की आबादी 24 लाख थी, बीते 10 साल में इसमें 6 लाख का और इजाफा हो गया, लेकिन अग्निशमन विभाग में कुछ नहीं बदला। यहां तक कि पिछले 6 माह से सीएफओ का पद भी रिक्त है और मैनपुरी से देखा जा रहा है। फिरोजाबाद, टूंडला, शिकोहाबाद और सिरसागंज तहसील क्षेत्रों में अग्निशमन केंद्र हैं। जसराना में अभी तक मांग पूरी नहीं हुई है। थाने पर अग्निशमन की गाड़ी खड़ी रहती है। एक साल में आग लगने की 368 घटनाएं हुईं। पिछले साल एक जनवरी से 31 दिसंबर तक जिले में आग लगने की छोटी-बड़ी 368 घटनाएं हुईं। इसमें बड़ी घटनाओं की संख्या 9 रही। वहीं इस साल अब तक 80 घटनाएं हुई हैं।
ये है अग्निशमन विभाग का हाल
विभाग के पास मैन पावर की स्थिति
पद नाम- स्वीकृत- रिक्त पद
विभाग के पास उपकरणों की स्थिति
उपकरण का नाम- स्वीकृत- उपलब्ध
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